प्राकृतिक विधि से तैयार हो रहा है हर्बल गुलाल
सिमडेगा में महिला समूह प्राकृतिक विधि से हार्बल गुलाल तैयार कर रही हैं। चांदनी एवं पाकरटांड़ के समूह पलाश, पलक साग, चुकंदर, हल्दी और फूलों का उपयोग कर रंग बना रहे हैं। यह गुलाल त्वचा के लिए सुरक्षित...

सिमडेगा, प्रतिनिधि। इस होली जिले में बने हार्बल गुलाल के रंग में रंगेगा। ठेठईटांगर प्रखंड के चांदनी आजीविका स्वयं सहायता समूह एवं पाकरटांड़ के विकास आजीविका स्वयं सहायता समूह सहित बानो प्रखंडों में जुड़ी महिला समूह की दीदीयां प्राकृतिक विधि से पलाश हर्बल गुलाल तैयार कर रही है। जिले की महिलाओं द्वारा निर्मित हार्बल गुलाल में सूखे हुए पलाश के फूलों का प्रयोग किया जा रहा। जिसमें हरा रंग बनाने हेतु सूखा हुआ पलक साग, गुलाबी रंग बनाने हेतु चुकंदर, पीला रंग बनाने हेतु हल्दी एवं फूल, लाल रंग के लिये फूल का प्रयोग किया जा रहा है। जो पूर्ण रूप से प्राकृतिक है। बताया गया कि पलाश ब्रांड के नाम पर निर्मित हार्बल गुलाल त्वचा को किसी भी प्रकार से नुकसान नही पहुंचाता। बताया गया कि हार्बल गुलाल 200 किलो ग्राम का पैकेट तैयार किया जा रहा है।
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