Significance of Sal Tree in Sarhul Festival Cultural and Economic Impact पूजा पाठ से लेकर घरेलू कार्य मे भी उपयोग होता है सखुआ पेड़, Simdega Hindi News - Hindustan
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पूजा पाठ से लेकर घरेलू कार्य मे भी उपयोग होता है सखुआ पेड़

सिमडेगा में सखुआ (साल) पेड़ की पूजा सरहुल पर्व में विशेष महत्व रखती है। सरना आदिवासी समुदाय इसे पवित्र मानता है। सखुआ के पत्ते, फल और लकड़ी का उपयोग विभिन्न धार्मिक और घरेलू कार्यों में किया जाता है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, सिमडेगाWed, 2 April 2025 01:39 AM
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पूजा पाठ से लेकर घरेलू कार्य मे भी उपयोग होता है सखुआ पेड़

सिमडेगा। वैसे तो जनजातीय समाज के लोग सखुआ (साल) पेड़ को काफी पवित्र मानते हैं। लेकिन सरहुल पूजा में सखुआ पेड़ का खास महत्व है। सरहुल पर्व में सरना आदिवासी समुदाय के लोग सखुआ पेड़ की पूजा करते हैं। इस पर्व में सखुआ फूल को कान में खोंसने की भी परंपरा है। इसके अलावे सखुआ पेड़ का अपना एक अलग महत्व है। सखुआ पेड़ का उपयोग घरेलू कार्य से लेकर पूजन एवं अन्य कार्य मे भी किया जाता है। काफी बेशकीमती बिकने वाले इस पेड़ के बोटे, डाली, पत्ते से लेकर फल भी कई उपयोग में लाया जाता है। सखुआ पत्ते का पत्तल बनाने से लेकर पूजा पाठ में भी किया जाता है। सखुआ पत्ते से बने पत्तल में भोजन खाने से भोजन का स्वाद बढ़ जाता है। साथ ही इससे कई फायदे भी होते हैं। त्योहारों में पूजा पाठ और भोज में भी इसी पत्ते का उपयोग किया जाता है। हिन्दू समुदाय के मंडप सखुआ पेड़ की डाली एवं पत्ते के बिना नहीं सजता है। वैवाहिक कार्यक्रमो में सखुआ पेड़ की डाली एवं पत्ते का उपयोग काफी शुभ और पवित्र माना जाता है।

सखुआ पत्ते के बिना सम्पन्न नहीं होते हैं पूजा-पाठ

सखुआ पत्ते का धर्मिक महत्व भी काफी अधिक है। किसी की पूजा पाठ में सखुआ पत्ते का ही प्रयोग किया जाता है। सखुआ पत्ते के बिना न सिर्फ जनतीय समाज बल्कि हिन्दू समाज के लोग भी कोई भी पूजा पाठ नहीं करते हैं। ग्रामीण इलाके के लोग सखुआ पेड़ की डाली को ही दतुअन यानी ब्रश के रूप में प्रयोग करते हैं। बाजारों में भी सखुआ दतुअन की काफी मांग रहती है। वहीं खाल के बीच मे निकलने वाले पतली झिल्ली को ग्रामीण रस्सी के रूप में प्रयोग में लाते हैं। सखुआ की लकड़ी जलावन के लिए भ्‍ज्ञी बेहतर माना जाता है। सखुआ पेड़ की लकड़ी की कीमत भी बाजार में काफी अधिक मांग है।

गरीबों की तिजोरी भरता है सखुआ बीज

सखुआ का फल भी ग्रामीणों के लिए फायदेमंद है। ग्रामीण सखुआ के फल को चुनकर जंगल से लाते है। फिर इसे सुखाकर बीज को अलग करते हैं और इसे बाजार में जाकर बेच देते हैं। सखुआ का फूल एक सीजन में हजारों-लाखों गरीबों की तिजोरी भरने का काम करता है। रुगड़ा भी सखुआ पेड़ के नीचे ही पाया जाता है।

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