पंचायतों में पलायन करने वाले मजदूरों का सही से नहीं हो रहा है रजिस्ट्रेशन
प्रखंड में पलायन एक बड़ी समस्या बनी हुई है। हजारों मजदूर रोजी-रोटी की तलाश में महानगरों में जाते हैं, जहां उन्हें शारीरिक और मानसिक शोषण का सामना करना पड़ता है। पंचायतों में पलायन करने वालों का नाम...

ठेठईटांगर, प्रतिनिधि। प्रखंड में अब भी पलायन बड़ी समस्या बनी हुई है। हर साल रोजी रोटी की जुगाड़ में प्रखंड के हजारो मजदूर महानगरों में जाते हैं। काम की तलाश में महानगर गए मजदूरों को कई परेशानी का सामना करना पड़ता है। महानगर में मजदूरों को शारिरीक और मानसिक शोषण किया जाता है। इधर प्रखंड में पंचायतों में पलायन करने वालों मजदूरों का नाम दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। पलायन करने वाले मजदूरों का पंचायत में स्थित एक रजिस्टर में इंट्री करना अनिवार्य है। पर यह सिर्फ कोरम पूरा हो रहा है। यही कारण है कि पलायन करने वाले सभी मजदूरों का पंचायत में डाटा नहीं मिलता था। इस कारण काफी परेशानी होती है। मजदूरों द्वारा पलायन करने की वजह भी जानकारी नहीं हो पाती है।
क्या कहती हैं बीडीओ
बीडीओ नुतन मिंज ने कहा कि पलायन करने वाले सभी मजदूरों का पंचायत स्तर पर रजिस्ट्रेशन किया जाता है। पलायन करने वाले मजदूरों का रजिस्ट्रेशन करने के लिए जेएसएलपीएस द्वारा गरिमा केन्द्र बनाया गया है। पंचायत स्तर पर पलायन करने वाले मजदूरों का रजिस्ट्रेशन होने से मजदूरों के पलायन करने के वजह की जानकारी मिलती है। पिछले साल गरिमा केंद्र द्दारा दर्जनों महिलाओं को महिला समूह से जुड़कर रोजगार के लिये प्रेरित किया गया। अभी कई महिलाएं स्वरोजगार से जुड़कर जीविकोपार्जन कर रही है।
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