एकमुश्त ऋण समझौता के लिए लगा लोक अदालत, 42 मामले हुए निष्पादित
सिमडेगा में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सहयोग से बैंक ऑफ इंडिया ने लोक अदालत का आयोजन किया। इस अदालत में 42 ऋण मामलों का निष्पादन हुआ, जिसमें 20 लाख 68 हजार 381 रुपए बकाया के विरुद्ध 6 लाख 24 हजार...
सिमडेगा। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सहयोग से बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा शनिवार को व्यवहार न्यायालय परिसर में एकमुश्त ऋण का समझौते के लिए लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत में जिले में कार्यरत बैंक ऑफ इंडिया के विभिन्न शाखाओं के द्वारा आपसी समझौते के आधार पर ऋण संबंधी मामलों का निष्पादन किया गया। लोक अदालत में कुल 42 मामले निष्पादित किए गए। जिसमें कुल 20 लाख 68 हजार 381 रुपए बकाया के विरुद्ध 6 लाख 24 हजार 704 रुपए पर समझौता किया गया। मौके पर प्राधिकार की सचिव मरियम हेमरोम ने बैंक अधिकारियों से कहा कि बैंक ऑफ इंडिया की यह अच्छी पहल है। बकायेदारों को राहत देने के लिए लोक अदालत का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि आम जनों को राहत देंगे तब ही लोक अदालत की सार्थकता सिद्ध हो पाएगी। बैंक अधिकारियों ने बताया कि बैंक ऑफ इंडिया द्वारा ऋणियों को यथासभंभ राहत देते हुए समझौता कर लोगों को ऋण मुक्त होने का मौका दे रहा है। लोक अदालत में बैंक ऑफ इंडिया के सिमडेगा शाखा से 12,बानो से 6,पाकरटांड़ से 5,कुरडेग से 5,कोलेबिरा से 12,बीरू से 1 और ठेठईटांगर शाखा से एक मामलों का निष्पादन किया गया। मौके पर अधिवक्ता व बैंककर्मी मौजूद थे।
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