Hindi Newsझारखंड न्यूज़सिमडेगाHundreds of women are writing for self-reliance

सैंकड़ों महिलाएं लिख रहीं स्वावलंबन की इबारत

डे-एनयूएलएम कार्यालय में महिला स्‍वयं सहायता समूह से जुडी महिलाएं इन दिनों चुडि़या निर्माण कर स्वावलंबन की नई इबारत लिख रही हैं। ये महिलाएं रोजनों सैकड़ों चुडि़यां का निर्माण कर अपनी आर्थिक स्थिति भी...

Newswrap हिन्दुस्तान, सिमडेगाThu, 6 Feb 2020 11:37 PM
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डे-एनयूएलएम कार्यालय में महिला स्‍वयं सहायता समूह से जुडी महिलाएं इन दिनों चुडि़या निर्माण कर स्वावलंबन की नई इबारत लिख रही हैं। ये महिलाएं रोजनों सैकड़ों चुडि़यां का निर्माण कर अपनी आर्थिक स्थिति भी मजबूत कर रही है। जानकारी के अनुसार शहरी क्षेत्र की महिलाओं को अपने क्षेत्र में ही प्रतिदिन रोजगार के अवसर दिलाने के लिए डे एनयुएलएम द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है। इसके बाद महिलाओं को चुडि़या निर्माण के लिए प्रोत्‍साहित भी किया जा रहा है। इन द्वारा निर्मित चुडियां महिलाओ को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। आने वाले दिनों में बाजारों में भी इन चुडि़यों का डिमांड बढ़ने का अनुमान है। बताया गया कि चुडि़यां निर्माण करने के लिए शहरी क्षेत्र के लगभग पांच सौ महिलाएं जुड़ी है।दुल्‍हन चुड़ी में लिखवा सकती है अपना और अपने पति का नाममहिलाओं ने बताया कि उनके यहां लोगों के ऑडर्र के अनुसार भी चुडि़यों बनाई जाती है। दुल्‍हन उनके यहां आकर अपनी चुडि़यां में अपना और अपने पति का नाम भी लिखवा सकती है।एमेजन से किया जा रहा है टैगमहिलाओ को अपनी चुडि़यां बेचने में परेशानी न हो इसके लिए ऑनलाईन शॉपिंग मार्केट एमेजन से भी टैग करने का प्रयास किया जा रहा है। अगर ठीक ठाक रहा तो जिले में निर्मित चुडि़यां बहुत जल्‍द अमेजन में भी बिकती नजर आएंगी। ताकि महिलाओं को चुडि़यों की बिक्री के लिए इधर उधर भटकना न पड़े। विभाग से नहीं मिल रहा है सहयोगचुडि़या निर्माण कर रही महिलाओं ने बताया कि उन्‍हें विभाग द्वारा किसी तरह का सहयोग नहीं मिल रहा है। जिससे उसके चेहरे में आशा व निराशा है। महिलाओं ने कहा कि अगर विभाग सहयोग कर दें तो वो और अधिक चुडि़यां का निर्माण कर अपने अरमान को संवार सकती है।क्‍या कहती है मिशन प्रबंधकइस मामले में पुछे जाने पर मिशन प्रबंधक राहिल डुंगडुंग ने बताया कि कडी मेहनत के बाद महिलाओ को रोजगार से जोडा जाता है। लेकिन नगर निकाय के द्वारा महिलाओ को प्रोत्‍साहन नहीं किए जाने के कारण महिलाएं हताशा नजर आती है। उन्‍होने बताया कि बैंक से भी महिलाओ को किसी प्रकार का आर्थिक सहयोग नहीं मिल पाता है।

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