माहे रमजान में मासूम भी अल्लाह की इबादत में मशगूल
सिमडेगा में रमजान के पाक महीने में बच्चे भी रोजा रखकर इबादत कर रहे हैं। 10 से 15 साल के बच्चों ने भूखे रहकर अल्लाह की राह में रोजा रखा है। मुस्लिम इलाकों में रमजान की रौनक देखने को मिल रही है, जहां...

सिमडेगा, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। रमजान के पवित्र महीने में रोजो के साथ इबादत का दौर भी जारी है। इस पाक माह में बच्चे भी रोजे रख इबादत कर रहे हैं। दस से लेकर 15 साल तक के बच्चों ने भी भूखे प्यासे रहकर अल्लाह की राह में रोजा रख रहे है। मुस्लिम इलाकों में रमजान की रौनक घर से बाजारों तक में देखी जा रही है। धार्मिक किताबें और टोपियां खरीदी जा रही हैं। ठेठईटांगर निवासी तौसिर उमर, मिनशाद आलम, मो शाद और कोलेबिरा निवासी मो आहिल, अथर माज और अयान आलम सहित दर्जनों बच्चें भी रोजा रख रहे है। ये सभी नन्हे रोजेदारों ने भी अल्लाह की राह में अपनी भूख-प्यास मिटा दी और कम उम्र से ही रोजा रखना शुरू कर दिया। आज ये बच्चे अपने घर के बड़ों की तरह इबादत में अपना पूरा वक्त तो बिताते ही हैं, साथ ही स्कूल और अपने दोस्तों में नन्हे रोजेदारों के नाम से भी पहचाने जाने लगे हैं।
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