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ग्रीन पेंसिल फाउंडेशन ने 4 वें एमएचएम समिट में जीता सर्वश्रेष्ठ मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन पुरस्कार

नई दिल्ली में आयोजित 4वें एमएचएम समिट में ग्रीन पेंसिल फाउंडेशन को 'सर्वश्रेष्ठ मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन प्रथाओं' के लिए सम्मानित किया गया। इस पुरस्कार का उद्देश्य फाउंडेशन के योगदान और सामुदायिक...

Newswrap हिन्दुस्तान, सराईकेलाWed, 20 Nov 2024 01:01 PM
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सरायकेला: नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित 4वें एमएचएम (मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन) समिट में ग्रीन पेंसिल फाउंडेशन को "सर्वश्रेष्ठ मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन प्रथाओं" के लिए सम्मानित किया गया। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार ग्रामालय की प्रमुख संसाधन केंद्र, जल शक्ति मंत्रालय, डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया और बैंक ऑफ अमेरिका द्वारा फाउंडेशन के उत्कृष्ट योगदान और सामुदायिक प्रभाव को मान्यता देते हुए प्रदान किया गया।ग्रीन पेंसिल फाउंडेशन ने हाल ही में स्वीकृत एमएचएम नीति 2024 को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस नीति में स्कूलों और कॉलेजों में मासिक धर्म शिक्षा, स्वच्छता उत्पाद, सैनिटेशन और वॉश (जल, स्वच्छता और स्वास्थ्य) सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है। फाउंडेशन ने सर्वेक्षणों और मीडिया एडवोकेसी के माध्यम से नीति निर्माताओं को मासिक धर्म स्वच्छता को प्राथमिकता देने के लिए संवेदनशील बनाया जिससे इस प्रगतिशील नीति का निर्माण संभव हो सका। ग्रीन पेंसिल फाउंडेशन के संस्थापक सैंडी खांडा और अध्यक्ष अनुराग को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित ग्रामालय के सीईओ साई दामोदरन ने सम्मानित किया। खांडा ने यह सम्मान फाउंडेशन के सभी स्वयंसेवकों और मुख्य टीम को समर्पित करते हुए कहा यह पुरस्कार हर उस स्वयंसेवक और टीम सदस्य का है जिन्होंने देशभर में सतत मासिक धर्म स्वच्छता प्रथाओं को लागू करने के लिए अथक प्रयास किया है।ग्रीन पेंसिल फाउंडेशन झारखण्ड राज्य प्रभारी आकाश महतो ने कहा यह पुरस्कार हमलोगो को मासिक धर्म के क्षेत्र में काम करने हेतु और भी प्रेरित करेगी। ये सभी युवा वॉलंटियर्स के लिए एक खुशनुमा पल है। फाउंडेशन के जमीनी प्रयास हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मणिपुर, हैदराबाद, मुंबई, पुणे, चंडीगढ़ और कोलकाता सहित कई राज्यों में फैले हुए हैं। 3,000 से अधिक स्वयंसेवकों के साथ, फाउंडेशन ने मासिक धर्म स्वच्छता पर व्यापक जागरूकता पैदा की है और समुदायों को मासिक धर्म से जुड़े मिथकों को तोड़ने के लिए सशक्त बनाया है। सैंडी ने कहा यह सभी एमएचएम अधिवक्ताओं की सामूहिक जीत है। अब हमारा अगला ध्यान इस नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने में आने वाली चुनौतियों को पहचानने पर होना चाहिए।समिट में देशभर से 250 से अधिक प्रतिनिधि और 50 वक्ता शामिल हुए जिनमें केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी और डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया अभियान के प्रणेता, साउथ एशिया के निदेशक रवि भटनागर समेत अन्य उपस्थित थे।

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