साहिबगंज में 22 हजार वर्गफीट में कबाड़ से बनेगा अनोखा पार्क
साहिबगंज में कबाड़ और वेस्ट सामग्रियों से 22 हजार वर्गफीट में 'वेस्ट टू वंडर पार्क' बनेगा, जिसमें 1000 टन कबाड़ का इस्तेमाल होगा। पार्क का निर्माण 3.07 करोड़ रुपये की लागत से होगा। इसका उद्घाटन 15...

साहिबगंज। साहिबगंज में कबाड़ व वेस्ट चीजों से करीब 22 हजार वर्गफीट में अनोखा पार्क बनेगा । इस पार्क के निर्माण पर करीब 3.07 करोड़ रुपये लागत आएगी। वेस्ट टू वंडर पार्क के लिए यहां स्टेडियम रोड पर गंगा विहार पार्क के पास एवं भवन प्रमंडल कार्यालय के सामने जमीन चिन्हित कर लिया गया है। एनआरईपी विभाग की देखरेख में छह महीने के भीतर इस पार्क का निर्माण कार्य पूरा होगा। कबाड़ (वेस्ट) सामग्री से डिजाइन तैयार कर पार्क को कलात्मक रूप देने का काम यहां के मशहूर कलाकार अमृत प्रकाश करेंगे। दरअसल, वेस्ट टू वंडर का हिन्दी में मतलब कबाड़ से बना पार्क है यानी यहां कबाड़ को रिसाइकल कर उसे पार्क के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। इस पार्क के जरिए लोगों को प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने और कबाड़ को रिसाइकल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यह पार्क पर्यावरण संरक्षण का संदेश देगा। इस पार्क से मानव जीवन में प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने का भी संदेश दिया जाएगा।
फोटो 3, साहिबगंज में कबाड़ से आकृति बनाते चित्रकार अमृत प्रकाश।
1000 टन से अधिक कबाड़ का होगा इस्तेमाल
वेस्ट टू वंडर पार्क के निर्माण में करीब 1000 टन से उपर वेस्ट यानी कबाड़ सामग्रियों का इस्तेमाल होगा। इसमें ऑटो मोबाइल कचरे, पंखे, लोहे की चादरों, नट-बोल्ट, पुराना बेकार साइकिल व बाइक, झामा ईंट , टूटा टाइल्स , टूटा हुआ कप-डिश,पुराना बर्तन,प्लास्टिक बोतल,टूटा चापानल,पुराने स्टोव, बेकार गैस सिलिंडर , बेकार पड़ा लोहे का उपकरण आदि का इस्तेमाल किया जाएगा। शहर व आसपास के कबाड़ वालों से इसे खरीदा जाएगा। कुछ कचरा गंगा से निकाल कर इस्तेमाल किया जाएगा।
नगर परिषद उपलब्ध कराएगा 200 टन वेस्ट
वेस्ट टू वंडर पार्क को बनाने के लिए करीब 200 टन वेस्ट यानी कबाड़ नगर परिषद उपलब्ध कराएगा। इसके लिए नगर परिषद अपने स्तर से काम शुरू कर दिया है।
क्या-क्या रहेंगे पार्क में
पार्क का डिजाइन तैयार कर लिया गया है। पार्क में दो गेट होगा।मेन गेट से लोग अंदर दाखिल होंगे। दूसरे साइड गेट से बाहर निकलने का रास्ता होगा। पार्क में कबाड़ सामग्रियों से विभिन्न संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। पार्क में खासकर बच्चों के खेलने व मनोरंजन के लिए विभिन्न उपकरण होंगे। पार्क में आकर्षक तरीके से पौधरोपण किया जाएगा। इसी क्रम में पार्क में विज्ञान की जिज्ञासा से संबंधित कई चीजें उपलब्ध रहेंगी।
वेस्ट टू वंडर पार्क डीसी हेमंत सती की सोच का उपज
साहिबगंज। साहिबगंज शहर में पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए वेस्ट टू वंडर पार्क का निर्माण यहां के डीसी हेमंत सती की सोच का उपज है। इसके लिए वे पिछले कई महीनों से जुटे थे। उन्होंने पांच महीने पहले ही इसके लिए स्थल निरीक्षण किया था। पहले इस पार्क का निर्माण समाहरणालय के सामने खाली जमीन पर होना था। हालांकि जगह छोटा पड़ जाने से उसे दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ा। डीसी हेमंत सती ने इस संवाददाता को बताया कि अब पार्क के लिए जमीन चिह्नित कर लिया गया है। अगले छह महीने के भीतर पार्क का निर्माण पूरा हो जाएगा। खासबात यह है कि इस पार्क के निर्माण में तमाम कबाड़ सामग्रियों का इस्तेमाल होगा। आगामी 15 अगस्त को पार्क का उद्घाटन किया जाएगा।
फोटो 17, डीसी हेमंत सती
कबाड़ से जुगाड़ बेकार की वस्तुओं से उपयोगी वस्तुएं बनाने की एक प्रक्रिया है। कबाड़ से जुगाड़ ना केवल हमारे पर्यावरण के संरक्षण के लिए बहुत सहायक है, बल्कि यह अनुपयोगी वस्तुओं के निपटान का भी एक सटीक उपाय है। कबाड़ से जुगाड़ के माध्यम से हम ऐसी अनुपयोगी वस्तुओं को फेंकने की जगह उनसे कुछ उपयोगी वस्तुएं बना सकते हैं।
अमृत प्रकाश
चित्रकार
साहिबगंज
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