आखिर सफल रहा चुनाव में पंकज मिश्रा की रणनीति
साहिबगंज में झामुमो ने राजमहल लोकसभा क्षेत्र की पांच सीटों पर चुनावी रणनीति बनाकर सभी सीटों पर जीत हासिल की। मोहम्मद ताजुद्दीन, धनंजय सोरेन और हेमलाल मुर्मू ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पंकज मिश्रा ने...
साहिबगंज। राजमहल लोकसभा क्षेत्र के पांच सीटों पर झामुमो ने रणनीति बनाकर चुनाव लड़ा और सभी सीटों पर बड़े अंतर से जीत हासिल की। राजमहल से मोहम्मद ताजुद्दीन,बोरियो से धनंजय सोरेन व लिट्टीपाड़ा से हेमलाल मुर्मू को चुनाव लड़ाने में पंकज मिश्रा की अहम भूमिका रही। पहले बोरियो सीट से हेमलाल मुर्मू को चुनाव लड़ाने की तैयारी थी। चुनाव घोषणा से महज कुछ दिन पहले ही रणनीति के तहत हेमलाल की जगह जिप सदस्य धनंजय सोरेन को बोरियो सीट से टिकट देने की घोषणा कर दी । कुछ लोगों का कहना था कि लोबिन हेम्ब्रम जैसे पुराने आदिवासी नेता के मुकाबले धनंजय कमजोर पड़ जाएंगे। हालांकि पंकज अपनी बात पर कायम रहे। उनका कहना था कि लोबिन को सिर्फ धनंजय ही मात दे सकते हैं। उधर, राजमहल सीट पर कब्जा करने के लिए रणनीति के तहत बीते मार्च महीने में मोहम्मद ताजुद्दीन को झामुमो में शामिल कराया। इसका पहला लाभ राजमहल सीट पर हाल ही सम्पन्न हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिला। इधर, बरहेट सीट पर हेमंत सोरेन के चुनाव रणनीति की कमान पंकज मिश्रा ने ही संभाल रखी थी। सबसे बड़ा उलट-फरे लिट्टीपाड़ा सीट पर हुआ। सिटिंग विधायक दिनेश विलियम मरांडी का टिकट काटकर हेमलाल मुर्मू को वहां से चुनाव लड़ाने का ऐलान कर दिया। दिनेश ने इसपर विरोध जताते हुए खुलेआम बगावत कर दिया। उन्होंने पंकज मिश्रा पर मीडिया के सामने कई गंभीर आरोप भी लगाए। हालांकि अंतत: हेमलाल मुर्मू ने लिट्टीपाड़ा सीट पर अच्छे मतों के अंतर से जीत हासिल कर ली। इसबीच पंकज मिश्रा ने कहा कि वे पार्टी के एक साधारण कार्यकर्ता हैं। संगठन को लेकर आलाकमान के दिशा-निर्देश का सिर्फ वे पालन करते हैं।
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