शहर के कई छठ घाटों की स्थिति अत्यंत खराब व खतरनाक
साहिबगंज में छठ पूजा के लिए श्रद्धालु गंगा घाटों पर अर्घ्य देने जाएंगे, लेकिन घाटों की स्थिति ठीक नहीं है। कई घाटों पर पानी का स्तर बहुत कम है और कुछ जगहों पर अत्यधिक गंदगी है। गोपाल पुल घाट पर रास्ता...
साहिबगंज। लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर साहिबगंज के विभिन्न गंगा घाटों पर शहर के व्रती व श्रद्धालु छठ का डाला लेकर अर्घ्यदान के लिए गुरूवार को जाएंगे। लेकिन शहर के सभी गंगा घाटों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है।। शहर के सभी घाटों पर कही पानी कम है तो कही पानी बहुत ही ज्यादा खतरनाक स्थिति में है। शहर के छठ व्रती व श्रद्धालु स्थानीय गोपाल पुल घाट, बड़ी शीतला मंदिर घाट, ब्रह्म स्थान घाट, बिजली घाट, पुराना लंच घाट, पंडित मदन मोहन मालवीय घाट, पुरानी साहिबगंज गंगेश्वरानंद घाट, मलाही घाट, चानन जनता घाट आदि पर जाकर छठ का अर्घ्य देते हैं। इस साल गंगा नदी में बाढ़ आने के बाद अचानक जलस्तर काफी कम होने से भी परेशानी बढ़ी है। इस कारण शहर स्थित कई गंगा घाट से जलधारा काफी दूर चली गई है और किनारे पर कीचड़-दलदल बचा है। इससे उन घाटों पर छठ करना परेशानी भरा होगा। प्राय: सभी गंगा घाटों पर अभी के समय बहुत ही कम स्थान बचा है।
फोटो 7, साहिबगंज के गोपालपुल गंगा घाट को दुरूस्त करते स्थानीय लोग।
गोपाल पुल घाट के रास्ते हुए दुरूस्त
शहर की बहुत बड़ी आबादी गोपाल पुल घाट पर छठ डाला लेकर जाती है। इस बार वहां तक जाने के लिए रास्ता दुरूस्त कर दिया गया है। इस बार शोभनपुर भट्ठा हनुमान मंदिर पुल के पास से रास्ता बनाया गया है। इस घाट की साफ सफाई कुछ युवकों ने बुधवार को किया। इस घाट तक के रास्तों को डस्ट बिछा कर तैयार किया गया है। घाट पर कीचड़ व पानी भी कम है।
ब्रह्मस्थान घाट पर कुछ मिलेगी सुविधा
स्थानीय ब्रह्मस्थान गंगा घाट का काफी हिस्सा पानी से बाहर निकला है और यहां काफी स्थान है। इस घाट को नगर परिषद ने समतलीकरण कर सुविधाजनक बना दिया है। कुछ कीचड़ है। यहां व्रतियों को इस साल सुविधा होगी। पानी में बांस-बल्ला लगाकर बैरिकैडिंग किया गया है। पानी की स्थिति मिलाजुलाकर ठीक है।
बिजली घाट की दस सीढ़ी से नीचे गहरा पानी
बिजली घाट पर छठ पर जनसैलाब उमड़ता है। इस घाट पर अभी भी कई सीढ़ी पानी में डूबा हुआ है। पुराने सीढ़ी घाट व नए घाट की सीढ़ी पर काफी कचरा पसरा रहता है। जिसकी नप निरंतर सफाई कराता है। बिजली घाट की अंतिम सीढ़ी के बाद जलस्तर खतरनाक स्थिति में है। इससे हादसे की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। हलांकि पानी में बैरिकेटिंग करा कर चेतावनी बोर्ड लगाया गया है।
नमामि गंगे घाट पर बहुत कम जगह
बिजली घाट से सटाकर बनाए गए नमामि गंगे घाट का काफी हिस्सा पानी से बाहर आ गया है। इस घाट के सबसे नीचले हिस्से पर बहुत कम स्थान रहने से यहां अधिक लोग छठ का डाला नहीं रख सकेंगे। मिट्टी हटाने का काम हुआ है। यहां भी पानी अधिक है।
पुराना लंच घाट पर हुई बैरिकैडिंग
पुराने लंच घाट का वो हिस्सा सबसे अधिक कामयाब है जहां पर पक्का निर्माण कराया गया है। इस स्थान की सफाई कराई गई है और बैरिकेडिंग की गई है। घाट के अगल बगल भी स्थान ठीक है। लेकिन यहां पानी काफी गहरा है।
मालवीय घाट पर कीचड़ भरा
संत जेवियर स्कूल के पीछे स्थित पंडित मदन मोहन मालवीय घाट पर बहुत कम स्थान बचा है जहां छठ का डाला रखा जा सके। सीढ़ी के अलावा और कोई स्थान नहीं रहने से यहां परेशानी होगी। सीढ़ी भी काफी संकीर्ण बना है। पानी हटने के बाद जलधारा के खिसकने से कीचड़ भरा है।
ओझा टोली घाट की सीढ़ीयों से दूर हुई धारा
पुरानी साहिबगंज के ओझा टोली घाट यानि गंगेश्वरानंद मंदिर घाट की सीढ़ियों से पानी दूर हो गया है। हलांकि यहां पर कीचड़ नहीं है और स्थान भी अधिक है। लेकिन यहां पर गंगा की मुख्यधारा का बहाव तेज है और पानी में गहराई भी बहुत अधिक है तो इस घाट पर सबसे अधिक सावधानी बरतनी होगी। बैरिकैटिंग कराया गया है। गहरी जलधारा के कारण यहां बराबर हादसे होते रहे हैं।
चानन सूर्यदेव घाट पर ग्रामीणों ने की सफाई
चानन के सूर्यदेव मंदिर गंगा घाट कुल मिलाकर ठीक है। यहां भी मुख्यधारा तेज है और पानी भी गहरा है। जिससे बचने की जरुरत होगी। आसपास के ग्रामीणों ने इस घाट पर सफाई आदि कराया है। इस घाट के बगल स्थित एक तालाब में भी कुछ लोग अर्घ्यदान करेंगे। आसपास के ग्रामीण व सूर्यदेव मंदिर समिति ने घाट को दुरूस्त कराया है। पानी में बैरिकैटिंग हुई है।
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