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अंतिम दिन कई कार्यक्रम,किसानों ने साझा किए अनुभव

साहिबगंज में दो दिवसीय कृषि मेला सह फल-सब्जी प्रदर्शनी का समापन हुआ। किसान अपनी अनुभव साझा करते हैं और कृषि, मत्स्य पालन, और उद्यानिकी पर जानकारी प्राप्त करते हैं। पुरस्कार वितरण में उत्कृष्ट स्टॉल और...

Newswrap हिन्दुस्तान, साहिबगंजFri, 17 Jan 2025 11:30 PM
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कृषि मेला: साहिबगंज। जिला स्तरीय दो दिवसीय कृषि मेला सह फल-सब्जी प्रदर्शनी का समापन शुक्रवार को संयुक्त कृषि भवन परिसर में हो गया। दो दिवसीय कृषि मेला में आए जिलाभर के महिला तथा पुरुष किसान शामिल हुए। अंतिम दिन आए महिला-पुरुष किसानों के बीच कृषि ,मत्स्य पालन ,उद्यान , बागवानी रोजगार अन्य प्रकार की जानकारी मौजूद कृषि वैज्ञानिक व पदाधिकारियों ने दिया। मौके पर किसानों ने अपने-अपने अनुभव साझा किए। बड़हरवा के मयूरकोला निवासी किसान सुरेन्द्र चौधरी ने कहा कि किसान को कभी निराश नहीं होना चाहिए । अगर किसान निराश हो जाएंगे तो लोग भूखे रह जाएंगे । उन्होंने बताया कि मैं दो बार सरकारी नौकरी को छोड़ किसानी क्षेत्र को अपनाया । पहले मेरा झोपड़ी का घर था आज मैं पक्के मकान के साथ सुखी सम्पन्न हूं। उन्होंने बताया कि किसान को घर में एक गाय अवश्य रखना चाहिए। किसान अपने उपज को बेहतर करें। उन्हें व्यापारी के हाथों न सौंपे। बेहतर उपज अच्छी कीमतें दिलाती हैं। इधर,

कार्यक्रम के अंत में उत्कृष्ट स्टॉल,उत्पाद व प्रदर्शनी को पुरस्कृत किया गया। पुरस्कार में बाल्टी ,बागवानी को लेकर उपकार सिंचाई उपकर कुदाल , कीटनाशक स्प्रे की बोतल आदि दिया गया।

फोटो 3, किसान को सम्मानित करते जिला कृषि पदाधिकारी।

फोटो 4,स्टॉल में रखे खजूर गुड़ के बारे में जानकारी लेते डीसी।

फोटो 5, प्रमाण पत्र के साथ मेले में आए किसान।

डीसी ने दूसरे दिन भी लिया मेले का जायजा

डीसी हेमंत सती ने दो दिवसीय कृषि मेला सह फल-सब्जी प्रदर्शनी के अंतिम दिन भी जायजा लिया। उन्होंने विभिन्न स्टोल पर जानकर वहां रखे फल-सब्जी व उत्पाद के बारे में जानकारी हासिल की। विशेष कर पहाड़ी क्षेत्र में पाए जाने वाले खजूर पेड़ से निकलने वाले रस से बने गुड़ के बारे में जानकारी हासिल की। वन विभाग की ओर से इसे मंडरो फॉसिल्स पार्क परिसर में तैयार किया जा रहा है। उन्होंने गुड़ उत्पादन के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ने के निर्देश दिए। गुल्लर से बने आचार के बारे में भी उन्होंने जानकारी ली।

महिला किसानों को घरेलू चिकित्सा पर मिले टिप्स

मेला आए महिला व पुरुष किसानों को फसलों के घरेलू चिकित्सा पर खुद के स्वस्थ पर भी विशेष ध्यान देके के लिए जागरुक किया। कृषि वैज्ञानिक डॉ माया कुमारी ने बताया कि घर की महिलाओं को छोटे मोटे घरेलु उपचार की जानकारी रखनी चाहिए। ताकि वक्त पर उसके काम आ सके। आगे उन्होंने बताया कि किसान बहनें खुद और अपने बच्चों के पोषण पर विशेष ध्यान दें । शरीर के अनुसार विटामिन वाले फल-सब्जी प्रचुर मात्रा में लेने की सलाह दी।

नाबार्ड की ओर से चलाए जा रहे कई कार्यक्रम

कृषि के क्षेत्र में विकास एवं बढ़ावा देने के लिए नाबार्ड के डीडीएम ने किसानों से कई जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कृषि कार्य ,खेती किसानी गांव के विकास को लेकर कई फंड संचालित है । कृषकों को इसके लिए प्रशिक्षण भी कराया जाता है । इस सेक्टर में कई एनजीओ सक्रिय है । किसान इसका भी लाभ उठा सकते हैं।

प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में 20 किसान पुरस्कृत

दो दिवसीय कृषि मेला में आए किसानों के बीच शनिवार को ज्ञान प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम हुआ। इसमें बीस प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया प्रथम प्रश्न पर राजेश कुमार तथा दूसरे प्रश्न पर मुन्नी देवी चासागांव बोरियो की महिला किसान को पुरुस्कृत किया गया। इस ज्ञान प्रश्नोत्तरी में इफ्को की ओर से कुल बीस किसान को पुरस्कृत किया गया।

13 गुच्छे वाला बेल आकर्षण का केंद्र रहा

मेला में सिंचाई के लिए उपलब्ध ॐ नामक ड्रोन उपकरण की प्रदर्शनी लगाई गई थी। किसानों के बीच यह आर्कषण का केंद्र था । बताया गया कि अत्यधिक छिड़काव के लिए किसानों को किराए पर ये ड्रोन मिल सकता है। मेले में प्रदर्शन के लिए फल के क्षेत्र में बोरियो से आए 13 गुच्छे वाला बेल का फल आकर्षण का केंद्र रहा।

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