झारखंड में बागियों ने बढ़ाई मुश्किलें, स्टार प्रचारकों पर चुनावी नैय्या पार लगाने की आस
झारखंड में दोनों गठबंधन के बागियों ने चुनावों में मुश्किलें बढ़ा रखी हैं। ऐसे में रणनीतिकारों ने स्टार प्रचारकों पर उम्मीदें टिकाई हैं। अब इनके सहारे ही चुनाव में बढ़त हासिल करने की बात कही जा रही है।
विधानसभा चुनाव में नामांकन के बाद बनते-बिगड़ते समीकरण के बीच इंडिया और एनडीए के प्रत्याशियों को स्टार प्रचारकों के भरोसे चुनावी नैया पार लगने की आस है। दोनों गठबंधन्नों ने अपने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गृह मंत्री अमित शाह समेत 40 नेता चुनाव में माहौल बनाएंगे। वहीं इंडिया गठबंझन में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरन और विधायक कल्पना सोरेन स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल हैं।
मांग और पसंद के अनुसार उतारे जाएंगे स्टार प्रचारक
दरअसल दोनों गठबंधन को बागियों से कड़ी चुनौती मिल रही है। ऐसे में रणनीतिकारों के साथ प्रत्याशियों का मानना है कि स्टार प्रचारक एक बार फिर यहां अहम किरदार निभाएंगे। सूत्रों के अनुसार कार्यकर्ताओं की मांग और वहां की पसंद के अनुसार स्टार प्रचारकों को उतारने की योजना है। कार्यकर्ताओं की राय के अनुसार प्रत्याशी अपने गठबंधन के प्रमुख चेहरों को स्टार प्रचारक के तौर लाने की मांग कर चुके हैं। जहां जो स्टार प्रचारक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की सभा भी अपने क्षेत्रों में कराने की भाजपा प्रत्याशियों की मांग की है।
इतनी सभाएं देखने को मिल सकती हैं
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कम से कम दो चुनावी सभाएं हो सकती हैं। केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और श्याम रजक जनसंपर्क कर सकते हैं। इससे बिहार की सीमा से सटी सीटों और बिहार मूल के लोगों को साधने का प्रयास है। भाजपा से झामुमो में शामिल लुईस मरांडी, लक्ष्मण टुडू, कुणाल षाड़ंगी भाजपा की हर कमजोर नब्ज को जानते हैं। वे भाजपा विरोधी लहर बनाएंगे। किस सीट पर क्या ज्वलंत मुद्दे हैं, उन्हें कैश करने की कोशिश करेंगे। इससे उम्मीद लगाई जा रही है कि ऐसा करने से दोनों ही गठबंधन बढ़त हासिल करेंगे।