बनिया नाला पुलिया धंसी, दो दर्जन गांवों के लोगों की जान जोखिम में
ओरमांझी के बनिया नाला पर बनी जर्जर पुलिया के कारण बड़ा हादसा हो सकता है। यह पुलिया 1988-89 में बनी थी और अब धंस चुकी है। दो दर्जन गांवों के लोग जान जोखिम में डालकर यहां से गुजरते हैं। स्थानीय लोगों ने...
ओरमांझी, संजय श्रीवास्तव प्रखंड के पूर्वी क्षेत्र को एनएच 33 से जोड़ने वाली टू-लेन सड़क पर ओरमांझी के बनिया नाला पर एक लेन की जर्जर पुलिया पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। 1988-89 में जवाहर रोजगार योजना के तहत बनी यह पुलिस बीच में धंस चुकी है। बावजूद इसके आसपास के दो दर्जन गांवों के लोग जान जोखिम में डालकर यहां से सरफ करने को विवश हैं। बारिश के मौसम में पहाड़ी क्षेत्र का पानी इसी पुलिया से बहकर गेतलसूद डैम में चला जाता है।
पुलिया को लोग पहले लोहा पुल के नाम से जानते थे। पुलिया पर बनी सड़क ओरमांझी-महेशपुर सड़क के नाम से जानी जाती थी। डैम बनने से पहले ओरमांझी से अनगड़ा जाने वाले लोग इसी सड़क का इस्तेमाल करते थे। पुलिया से प्रतिदिन हजारों लोगों का ओरमांझी आना-जाना होता है। मंगलवार और शुक्रवार को ओरमांझी बाजार आने-वाले लोग इसी पुलिया से आना-जाना करते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जल्द इस पुलिया का निर्माण नहीं कराया गया तो यह कभी भी धंस सकती है। रांची-गोला पथ पर ओरमांझी से रामगढ़, हजारीबाग और अन्य जिलों से आने वाले छोटे-बड़े वाहन इसी रास्ते से जाते हैं। दूसरे रास्ते से आने पर तीन से चार किमी की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है।
दो दर्जन से अधिक गांवों को जोड़ती है पुलिया
ओरमांझी के बनिया नाला पर बनी पुलिया से रोज दो दर्जन से ज्यादा गांवों के लोग ओरमांझी आना-जाना करते हैं। ओरमांझी बाजार जहां सप्ताह में दो दिन बड़ा बाजार लगता है, वहां के लोग भी इसी पुलिया से आते हैं। प्रधानमंत्री सड़क योजना से सड़क चौड़ी बना दी गई है, परंतु पुलिया जस की तस है। जिन गांवों को एनएच से यह पुलिया जोड़ती है उसमें आनंदी, बारीडीह, पांचा, गुरुपांचा, हतवाल, सवैया, रोला खुदिया, कुटे, चारू, नगरू, मुट्टा, भूसुर, हेदीबीली, डटमा और रोला सहित सिकिदिरी और हुंडरू फॉल शामिल है।
सिकिदिरी से रामगढ़ सैकड़ों वाहन इसी पुलिया से जाते हैं
आनंदी रोड से ओरमांझी थाना चौक वाया रामगढ़ जानेवाले सैकड़ों वाहन प्रतिदिन इस पुलिया से पार करते हैं। पुलिया सिंगल वाहन चलने के लिए है। जब दोनों ओर से वाहन आते हैं तो पुलिया के पास जाम लग जाता है। यह पुलिया बड़े वाहनों के चलने से हिलती रहती है।
ईंट, बालू और पत्थर लदे वाहन भी सरपट दौड़ रहे
जवाहर रोजगार योजना से 35 वर्ष पहले ओरमांझी-आनंदी पथ स्थित बनिया नाला पर बनी पुलिया से रातभर ईंट, पत्थर और बालू लदे वाहन सरपट चलते हैं। सिकिदिरी की ओर से आने वाले वाहनों का रास्ता नजदीक होता है। इस कारण चालक इस रास्ते से आना-जाना कर रहे हैं।
सड़क के दोनों ओर से पानी बहने से धंसी पुलिया
बनिया नाला पर 50 साल पहले लकड़ी की पुलिया थी। इसके बाद सिंगल पुलिया तब की बिहार सरकार ने बनवाई थी। ओरमांझी और आनंदी गांव की बारिश का पानी सड़क के किनारे से पुलिया के बीच भर जाता है। पानी भरने के कारण पुलिया बाएं और दाएं की ओर से बीच में धंस गई है। यहां पुल निर्माण के साथ-साथ दोनों ओर नाला का निर्माण कराना होगा।
लोगों के बयान.....................
सरिता देवी ओरमांझी पूर्वी के जिला परिषद सदस्य
प्रधानमंत्री सड़क योजना से सड़क का चौड़ीकरण किया गया है। लेकिन पुलिया काफी जर्जर अवस्था में है। पहले यहां बड़े वाहनों का आना-जाना बंद कराया जाए और पुल का निर्माण जल्द कराया जाए अन्यथा कभी भी हादसा हो सकता है।
मानकी राजेंद्र साही, राज्यसभा सांसद प्रतिनिधि
ओरमांझी के बनिया नाला पर सिंगल लेन की पुलिया के जर्जर होने से इस पुलिया पर नया पुल बनाने का प्रस्ताव पास हो गया है। विभाग जितनी जल्द हो सके टेंडर निकालकर पुल का निर्माण कराए। अन्यथा कभी भी दुर्घटना घट सकती है।
प्रो शैलेंद्र मिश्र, आरटीसी कॉलेज
बनिया नाला पर बनी पुलिया काफी जर्जर है। यहां कभी भी दुर्घटना हो सकती है। यह सड़क ओरमांझी के पूर्वी भाग को एनएच 33 से जोड़ती है। पुल के साथ नई नाली भी बनानी होगी, ताकि किसी तरह का हादसा नहीं हो।
सत्यमबदा देवी, आनंदी गांव निवासी
शादी होके जब ओरमांझी आए थे उस समय यह पुलिया लकड़ी की थी, जिसे लोग लोहा की पुलिया कहते थे। उसी रास्ते से हम लोग रामगढ़ या ओरमांझी बाजार आते थे। अभी पुलिया काफी खराब है। नई सरकार बनी है पुल बनवा दे तो अच्छा होगा।
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