अखबार बेचकर उदय नारायण ने बनाया सपनों का घर
सफलता मेहनत करनेवालों के कदम चूमती है। ऐसे ही उदाहण हैं उदय नारायण झा। उन्होंने अखबार बेचकर रांची में अपने सपनों का आशियाना बनाया और तीनों बेटियों...
रांची। संवाददाता
सफलता मेहनत करनेवालों के कदम चूमती है। ऐसे ही उदाहण हैं उदय नारायण झा। उन्होंने अखबार बेचकर रांची में अपने सपनों का आशियाना बनाया और तीनों बेटियों को अच्छी शिक्षा भी दी। काम की तलाश में वे बिहार के मधुबनी जिले से 1977 में रांची आए थे। उनके बड़े भाई हर्ष नारायण झा उस समय पेपर लाईन से जुड़े हुए थे। उन्हीं के कहने पर वे रांची आए।
उदय नारायण झा अखबार व्यवसाय से जुड़ने के साथ ही अपनी पढ़ाई भी जारी रखी और ग्रेजुएशन पूरा किया। वे हिनू एवं बिरसा चौक क्षेत्र में लगभग 43 वर्षों से अखबार के व्यवसाय से जुड़े हैं। उन्होंने जब अखबार बांटने का काम शुरू किया, तब एक-एक ग्राहक को रोजाना 5 से 10 किमी तक जाकर अखबार देते थे।
जब वे अखबार वितरण का काम शुरू किये थे, तो वे मात्र 16 साल के थे और रोजाना 30-40 प्रति बांटते थे। आज वे प्रतिदिन करीब 500 प्रति अखबार का व्यवसाय करते हैं। वे रांची आये थे तो किराये के मकान में रहते थे। इस व्यवसाय से जुड़कर उन्होंने रांची के साकेत नगर हिनू में एक पक्का मकान बनाया। अखबार की आमदनी से ही उन्होंने तीनों बेटियों को रांची के प्रतिष्ठित स्कूल एवं कॉलेजों में पढ़ाया और बड़ी बेटी की शादी भी की। इनकी दूसरी बेटी स्कूल में शिक्षिका हैं और छोटी बेटी सीए के अंडर कार्य कर रही हैं। उदय नारायण झा के अखबार व्यवसाय से चार अन्य लोगों (बीट ब्वॉय) के परिवार का भरण पोषण भी हो रहा है।
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