बोनाफाइड सर्टिफिकेट पर 20 रुपये वसूले जाने का विरोध
रांची में आदिवासी छात्र संघ ने डीएसपीएमयू के प्रशासनिक भवन का घेराव किया। छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय 10 रुपये की जगह 20 रुपये वसूल रहा है। कुलपति ने छात्रों को प्रमाणपत्र के लिए लाइन में लगने...
रांची, विशेष संवाददाता। आदिवासी छात्र संघ के कार्यकर्ताओं ने अध्यक्ष दीपिका कच्छप के नेतृत्व में सोमवार को डीएसपीएमयू के प्रशासनिक भवन का घेराव किया। एसीएस कार्यकर्ताओं का कहना था कि झारखंड सरकार ई- कल्याण के माध्यम से छात्रों को जो छात्रवृत्ति मुहैया कराती है, हर वर्ष उसके लिए विश्वविद्यालय एक बोनाफाइड सर्टिफिकेट तैयार करता है और जिसका शुल्क 10 रुपये था। लेकिन, विश्वविद्यालय का छात्रवृत्ति प्रभाग बोनाफाइड सर्टिफिकेट के रूप में छात्रों से 20 वसूल कर रहा है, जो अवैध है। आदिवासी छात्र संघ ने इसका पुरजोर विरोध किया। प्रदर्शन के दौरान एसीएस कार्यकर्ताओं, विद्यार्थियों और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच में नोकझोंक हुई। अंत में विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी पाया कि विद्यार्थियों से बोनाफाइड के रूप में 20 वसूले जा रहे। आदिवासी छात्र संघ ने इस मुद्दे पर कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य को ज्ञापन सौंपा। कुलपति ने इस पर कार्रवाई करते हुए निर्देश दिया कि अब से छात्रों को प्रमाणपत्र के लिए के अकाउंट सेक्शन में लाइन लगने की जरूरी नहीं है। उनका माइग्रेशन, चरित्र प्रमाणपत्र और बोनाफाइड प्रमाणपत्र डीएसपीएमयू की आधिकारिक बेवसाइट- www.dspmuranchi.ac.in, पर अपलोड कर दिया जाएगा। कुलपति से वार्ता के बाद विरोध प्रदर्शन खत्म किया गया। विरोध प्रदर्शन में बादल भोक्ता, सोनम लकड़ा, देव रजक, सोनू तांती, अमृत मुंडा, दयाराम सहित अन्य एसीएस कार्यकर्ता शामिल थे।
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