आदि महोत्सव में उपलब्ध है एक ही छत के नीचे जनजातीय उत्पाद
आदिवासी संस्कृति-उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कांके स्थित चांदनी चौक में आदि महोत्सव की शुरुआत की गई। इसका आयोजन जनजातीय कार्य मंत्रालय, ट्राइबल...
रांची। संवाददाता
आदिवासी संस्कृति-उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कांके स्थित चांदनी चौक में आदि महोत्सव की शुरुआत की गई। इसका आयोजन जनजातीय कार्य मंत्रालय, ट्राइबल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन (ट्राइफेड) ने किया। यह महोत्सव 10 मार्च तक चलेगा। इसमें झारखंड के विभिन्न जगहों से लाए गए जनजातीय हस्तशिल्प की प्रदर्शनी सह बिक्री भी की जा रही है।
स्थानीय जनजातीय खानपान के भी स्टॉल लगाए गए हैं। महोत्सव में लोहरदगा, बिशुनपुर, रामगढ़, हेहल, रांची सहित अन्य जगहों से आदिवासी शिल्पकार व कारीगर भाग ले रहे हैं। दूसरी ओर आदिवासी महिलाओं द्वारा तैयार चंदेरी के वस्त्र, साड़ी, सूट पीस, बैग, पारंपरिक जनजातीय कपड़े, आचार, साग, दाल, शहद, सत्तु व रागी आटा की बिक्री की जा रही है।
दुकानदार अभिषेक तिर्की ने बताया कि हमलोग देशी और शुद्ध सामग्री बेच रहे हैं। इसमें मिलावट नहीं होती है और स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होती है। एक और दुकानदार अमित ने बताया कि जनजातीय महिलाओं द्वारा तैयार सामग्री की कीमत 1000 रुपए से 6000 रुपए तक है, इसकी मांग ज्यादा हो रही है। आयोजन समिति के प्रबंधक एसके राजीव ने बताया कि वर्ष 2017 में शुरू की गई आदिवासी संस्कृति, शिल्प, भोजन और वाणिज्य का यह कार्यक्रम सफल रहा। यह महोत्सव देश भर में बड़े पैमाने पर किया जाता है, पर इस बार ऐसा नहीं हो पाया।
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