Hindi NewsJharkhand NewsRanchi NewsTransport Minister Advocates Road Safety Education for Students in Jharkhand

सड़क सुरक्षा और ड्राइविंग की जानकारियां स्कूली पाठ्यक्रम में होंगी शामिल : दीपक बिरुआ

मंत्री का निर्देश : एमवीआई बिना जांच किए नहीं दें वाहनों का फिटनेस, ड्राइविंग लाइसेंस देने की प्रक्रियाओं में भी लाएं सुधार

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीFri, 31 Jan 2025 08:46 PM
share Share
Follow Us on
सड़क सुरक्षा और ड्राइविंग की जानकारियां स्कूली पाठ्यक्रम में होंगी शामिल : दीपक बिरुआ

रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि सड़क दुर्घटना और ड्राइविंग से संबंधित बातों को अब छात्रों के सिलेबस में शामिल किया जाएगा, ताकि भविष्य में हमारे बच्चे ड्राइविंग संबंधित महत्वपूर्ण बातों को आत्मसात कर आनेवाले समय में सुरक्षित और बेहतर तरीके से वाहन चला सकेंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ विमर्श करेंगे। लोग सड़क सुरक्षा की बातों को अपनी आदत में डालेंगे तो दुर्घटनाओं में कमी आएगी।

मंत्री शुक्रवार को रांची स्थित एक निजी होटल में परिवहन विभाग की ओर से आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार सड़क सुरक्षा 2025 कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि एमवीआई फिटनेस देने में सावधानी बरतें, साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस देने की सभी प्रक्रियाओं को भी सही तरीके से फॉलो किया जाए, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आए। ड्राइविंग लाइसेंस देने की प्रक्रिया को सही तरीके से फॉलो नहीं करने से बहुत सारे लोग ड्राइविंग सीट पर तो बैठ जाते हैं, लेकिन वाहन चलाने की तकनीकी चीजों को नहीं जानते-समझते हैं, जिससे सड़क दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं।

एमवीआई फिटनेस देने में कोताही न बरतें

मंत्री दीपक बिरुवा ने कहा कि एमवीआई जिस तरह बिना सोचे-समझे या बिना जांच किए या फिर अन्य कारणों से फिटनेस दे देते हैं, वह नहीं होना चाहिए। यह दुर्घटनाओं को आमंत्रित करता है और सड़क दुर्घटना होने का बहुत बड़ा कारण है। मंत्री ने कहा कि बहुत सारी खामियां हैं, जिस पर विभाग ध्यान दें, ताकि झारखंड में होनेवाली सड़क दुर्घटना में कमी लाई जा सके। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा को लेकर और अधिक प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता है। सामूहिक जिम्मेवारी के तहत इस पर काम किया जाए।

सड़क दुर्घटना पर आए मन्तव्यों को करेंगे आत्मसात

मंत्री दीपक ने कहा कि सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में होने वाले प्रयासों को देखा जाए तो आंकड़ों के हिसाब से सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु की संख्या अधिक है और घायलों की संख्या कम है तो इस पर निश्चित तौर पर स्वास्थ्य विभाग, इंजीनियरिंग सेल समेत अन्य सेक्टर को बहुत ध्यान देने की आवश्यकता है। हम प्रयास करेंगे सड़क सुरक्षा संबंधित चीजों को लेकर आज जिस तरह से चर्चा होगी, एक्सपर्ट के तमाम राय आदि महत्वपूर्ण सुझावों व मंतव्य पर विभाग मंथन करे। आप सब के सुझाव को सरकार आत्मसात कर बेहतर काम करेगी, ताकि सड़क सुरक्षा पर व्यापक काम किया जा सके।

रेस्क्यू पार्ट को न करें नजरअंदाज : कृपानंद झा

विभागीय सचिव कृपानंद झा ने कहा कि सड़क दुर्घटना में रेस्क्यू पार्ट को कभी भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। सड़क हादसे के साथ ही एंबुलेंस, ट्रॉमा सेंटर तैयार है या नहीं, ध्यान दें। पलटे हुए वाहन को यदि गैस कटर आदि से काटने की नौबत आए तो तत्काल संबंधित सामग्री कैसे मिले, ताकि लोगों की जान बचाई जा सके, इन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इंश्योरेंस क्लेम करने में वकीलों के अधिक चार्ज होने के कारण लोगों को परेशानी होती है। इस पर डालसा या झालसा से मिलकर काम करने की आवश्यकता है, ताकि दुख की घड़ी में पीड़ित परिवार को जल्द राहत मिल सके। सचिव ने कहा कि कई बार सड़क किनारे सिग्नल नहीं होने के कारण भी लोग दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं और स्पीड होने की बात कहकर सड़क दुर्घटना को टाला जाता है। लेकिन इसमें इंजीनियर को खास तौर पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने रोड सेफ्टी के तहत चिंता जाहिर करते हुए कहा कि छोटे या बड़े किसी भी तरह के सड़क हादसे को लेकर डाटा कैप्चर नहीं होता है, यह एक विडंबना है, इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें