बीआईटी मेसरा में कहानी कहने की कला पर कार्यशाला शुरू
रांची में बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान (बीआईटी) मेसरा के मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभाग द्वारा तीन दिवसीय कहानी कहने की कार्यशाला 'जेफिर' का उद्घाटन हुआ। इस कार्यशाला में शिक्षकों और शोधार्थियों को...
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रांची, विशेष संवाददाता। बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान (बीआईटी), मेसरा के मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभाग की ओर से कहानी कहने की कला पर केंद्रित तीन दिवसीय कार्यशाला- जेफिर, की शुरुआत बुधवार को हुई। उद्घाटन सत्र में बीआईटी मेसरा के संकाय मामलों के डीन डॉ अशोक शेरॉन सहित विभिन्न कॉलेजों से आए शिक्षक, शोधार्थी व अन्य प्रतिभागी उपस्थित थे। उद्घाटन सत्र में कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए डॉ मृणाल पाठक ने कहा कि हम सभी किसी की कहानी में रह रहे हैं। कहानी में विचारों को शब्दों में व्यक्त करने की शक्ति है। कहानी कहना जटिल विचारों को आकर्षक और सुलभ कथाओं में बदल सकती है, लोगों को एक ऐसी दुनिया में आकर्षित कर सकती है जहां ज्ञान ज्ञानवर्धक और अविस्मरणीय दोनों बन जाता है। कार्यशाला को प्रतिभागियों के लिए एक स्थिर अनुभव के रूप में डिजाइन किया गया है।
इस कार्यशाला के विशेषज्ञ वक्ताओं में- शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार से भारतीय ज्ञान परंपरा के लिए नामित विशेषज्ञ भरत दास, साइबेरिया से इरीना कर्पिना, रूस से एलेक्सी बायकोव, केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड से डॉ संदीप विश्वास, जेएनयू के प्राध्यापक· डॉ सुशांत कुमार मिश्रा शामिल हैं।
यह कार्यशाला शिक्षकों और शोधार्थियों को कहानियों की दुनिया में तल्लीन करने के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करेगी। कार्यक्रम में डॉ कीर्ति अविषेक, डॉ निशिकांत कुमार, सहित बीआईटी मेसरा, बीआईटी देवघर, सरला बिरला विश्वविद्यालय, डीएसपीएमयू, रांची विश्वविद्यालय, आदर्श कॉलेज राजधनवान, गिरिडीह से आए शिक्षक और शोधार्थी उपस्थित थे।
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