मायावी ग्रह राहु और केतु का राशि परिवर्तन आज
गोचर के अच्छे प्रभाव से आमजन को धीरे-धीरे मिलेगी राहत, 18 माह बाद दोनों ग्रह का राशि परिवर्तन होगा। इसके अच्छे फल भी जनमानस के बीच देखने को...
ज्योतिष विज्ञान के सबसे मायावी ग्रह राहु और केतु 23 सितंबर को स्थान परिवर्तन करेंगे। ग्रह राहु को माया और केतु को मोक्ष का कारक माना गया है। राशि परिवर्तन का झारखंड पर भी असर होगा। खेलकूद में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य का मान बढ़ेगा। धार्मिक गतिविधि तेज होगी।
उच्चस्थ राशि में होगा प्रवेश :
राहु और केतु का बुधवार को 12.52 बजे अपनी उच्चस्थ राशि वृष और वृश्चिक में प्रवेश करेंगे। यहां दोनों ग्रह 18 माह तक रहेंगे। इसके बाद अगले साल 12 अप्रैल को दोनों ग्रह का स्थान परिवर्तन होगा। दोनों 18 साल के बाद अपनी उच्च राशि में जाएंगे। शुरुआत में राहु में मृगशिरा और केतु ज्येष्ठा नक्षत्र में अपनी यात्रा की शुरुआत करेंगे। इससे पूर्व दोनों ग्रह पिछले साल सात मार्च से चंद्रमा की राशि कर्क और मकर को छोड़ कर अपनी उच्च राशि मिथुन और धनु राशि में थे।
महंगाई बढ़ेगी, पड़ोसी देश से तनातनी रहेगी :
कालिदास रचित कलामृत के अनुसार चंद्र राशि से उपचय भाव तीन, छह, 10 और 11वें भाव में राहु-केतु का गोचर शुभ होता है। गोचर के शुभ-अशुभ प्रभाव से महंगाई बढ़ेगी। आमजन को वर्तमान परिस्थिति से धीरे-धीरे राहत मिलेगी। इसके अलावा पड़ोसी राष्ट्र से तनातनी की स्थिति कायम रहेगी और किसी सुनियोजित साजिश का सामना भी करना पड़ सकता है। देश के अंदर उपद्रव की कुछ घटना हो सकती है। राहु देव के अपने गुरु शुक्राचार्य जाने से आमजन में विकास को लेकर लोकतंत्र और शासन तंत्र से विकास की उम्मीद कायम रहेगी।
ग्रह की अनुकूलता के लिए दान-पुण्य का विधान है :
जिस राशि वाले जातक पर छाया ग्रह राहु-केतु का प्रभाव है, उन्हें ग्रह की अनुकूलता के लिए श्री गणेश और बजरंगबली की आराधना, शिव पंचाक्षर स्रोत का पाठ, श्वान समेत पशु-पक्षी के लिए भोजन, चारा-दाना की व्यवस्था करनी चाहिए। इसके अलावा अभावग्रस्त परिवार के बीच साबुन का वितरण करना चाहिए।
किस राशिफल पर क्या प्रभाव
मेष: वाणी दोष, गृह क्लेश, साझेदारों से कष्ट
वृष: अनावश्यक बैर, पत्नी का स्वास्थ्य प्रभावित
मिथुन: स्थान परिवर्तन, फिजूलखर्ची
कर्क: सर्वार्थ सिद्धि, प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता, धन लाभ
सिंह: राजनीति में सफलता, यश-कीर्ति में बढ़ोत्तरी, तीर्थयात्रा
कन्या: भाई-बहन से अनबन, आजीविका में परेशानी, दूर की यात्रा
तुला: धर्म में रूचि, कार्य बाधा, मानसिक क्लेश
वृश्चिक: अनावश्यक खर्च, परिवर्तन के आसार
धनु: कार्य क्षेत्र में प्रोन्नति, यश, ऋण मुक्ति
मकर: लॉटरी-सट्टा में लाभ, प्रेम संबंध में बाधा
कुंभ: मां का स्वास्थ प्रभावित, विदेश यात्रा, कार्य बाधा
मीन: सभी क्षेत्र में सफलता, शासन का सहयोग, यात्रा से लाभ
कोट:
अन्य ग्रह की अपेक्षा राहु और केतु उल्टा चलते हैं। उपचय भाव में दोनों ग्रह का गोचर शुभ है। राशि परिवर्तन से कई राशि वाले जातकों को लाभ होगा।
-आचार्य पीके युग, ज्योतिषाचार्य
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