खेत में पड़े तरबूज और खरबूज को मिलने लगा बाजार
किसानों तक पहुंचने लगे हैं थोक व्यापारी, फसल की अवाक हुई शुरू, लॉक डाउन के तीसरे चरण में पास की बाध्यता समाप्त किए जाने के बाद व्यावसायिक वाहनों की आवाजाही शुरू होने से अब रांची के किसानों को तरबूज...
लॉक डाउन के तीसरे चरण में पास की बाध्यता समाप्त किए जाने के बाद व्यावसायिक वाहनों की आवाजाही शुरू होने से अब रांची के किसानों को तरबूज और खरबूज के लिए बाजार मिलने लगा है। आपके लोकप्रिय समाचार पत्र हिन्दुस्तान में पांच अप्रैल के अंक में बाजार नहीं मिलने से खेत में पड़ा है करोड़ों का तरबूज और खरबूज खबर में किसानों की पीड़ा को बयां किया गया था। पिछले दो दिन में रांची के ओरमांझी, पिठौरिया, चान्हो समेत अन्य स्थान से करीब 15 ट्रक तरबूज और खरबूज व्यापारी बाहर ले गए। इसके अलावा मालवाहक टेंपो और पिकअप वैन से भी रांची शहरी इलाके में खुदरा व्यापारी बिक्री के लिए तरबूज लेकर पहुंचने लगे हैं। ऐसे व्यापारी सड़क के किनारे समाजिक दूरी का पालन कर ग्राहकों के बीच तरबूज की बिक्री कर रहे हैं। बिचौलियों के बजाय सीधे बाजार में पहुंचने से आमजन को वाजिब कीमत पर तरबूज और खरबूज मिलने लगा है। रांची समेत समीपवर्ती जिला की सीमा पर करीब पांच हजार एकड़ जमीन पर ड्रीप इरिगशेन से तरबजू और खरबूज की खेती की गयी है। वहीं नौ सौ एकड़ जमीन पर पारम्परिक विधि से तरबूज उगया गया है। फसल तैयार होने के बाद से बाजार नहीं मिलने से व्यापारी किसान तक नहीं पहुंच पा रहे थे।...............................हरी सब्जी के लिए अब वाहन पास की बाध्यता नहीं रांची के जिला कृषि पदाधिकारी अशोक सिन्हा ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश के बाद कृषि निदेशालय से हरी सब्जी समेत अन्य खाद्य सामग्री को ले जाने के लिए व्यावसायिक वाहन पास की बाध्यता नहीं है। उन्होंने बताया कि गुरुवार से यह व्यवस्था प्रभावी हो गया है। उन्होंने बताया कि अब किसी भी तरह की सब्जी को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए पास जरूरी नहीं है। फोटो: रूपेश कुमार
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।