Hindi Newsझारखंड न्यूज़रांचीSuccessful Conclusion of Guru Nanak Dev Ji s 555th Birth Anniversary Celebration in Ranchi

इक बाबा अकाल पुरख दूजा रबाबी मरदाना…...

रांची में श्री गुरुनानक देव जी के 555वें प्रकाश पर्व का सफल समापन हुआ। दीवान की शुरुआत सामूहिक पाठ से हुई, जिसमें साध संगत ने श्रद्धा से भाग लिया। गुरु नानक ने लंगर की परंपरा की शुरुआत की। कार्यक्रम...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीMon, 25 Nov 2024 02:08 AM
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रांची, वरीय संवाददाता। श्री गुरुनानक देव जी के 555वें प्रकाश पर्व के सफल समापन पर गुरुद्वारा श्री गुरुनानक सत्संग सभा की ओर से रविवार को शुक्राने का दीवान सजाया गया। दीवान की शुरुआत दोपहर 3.30 बजे श्री सुखमनी साहिब जी के सामूहिक पाठ से हुई। गुरुद्वारा साहिब में उपस्थित साध संगत ने श्रद्धाभाव से एक स्वर में श्री सुखमनी साहिब जी के पाठ का उच्चारण सवा घंटे तक किया। इसके बाद स्त्री सत्संग सभा की ओर से शबद गायन किया गया। शाम 4.30 बजे से 5.30 बजे तक हजूरी रागी जत्था भाई महिपाल सिंह जी ने इक बाबा अकाल पुरख दूजा रबाबी मरदाना…..., नानक आइआ नानक आइआ सतनाम पढ़ मंतर सुणाईआ…..., जैसे कई शबद गायन कर साध संगत को निहाल किया।

नानक देव ने की थी लंगर की शुरुआत

सेवक मनीष मिढ़ा ने कथावाचन करते हुए साध संगत को बताया कि श्री गुरुनानक देव जी का जन्म सन 1469 में राय भोई की तलवंडी, ननकाना साहिब (वर्तमान में पाकिस्तान में) में हुआ था। पिता मेहता कालू ने गुरुनानक जी और भाई मर्दाना जी को लाभ कमाने के लिए बीस रुपए देकर विदा किया। रास्ते में उन्हें एक गांव मिला, जहां एक वृक्ष के नीचे संतों की टोली को बैठे देखा जो कई दिनों से भूखे-प्यासे थे। गुरु नानक साहिब ने भाई मरदाना से कहा कि पिताजी ने हमें कुछ लाभदायक लेन-देन करने के लिए कहा है। जरूरतमंदों को खिलाने से ज्यादा लाभदायक कोई सौदा नहीं हो सकता। मैं इस सच्चे सौदे को नहीं छोड़ सकता। गुरु नानक देव निकटतम गांव गए। जहां उन्होंने भरपूर मात्रा में रसद खरीदा। जिससे उन संतों ने भोजन बनाकर खाया। गुरुनानक साहिब जी ने यह जो लंगर शुरू किया वो प्रथा आज भी जारी है।

कढ़ाह प्रसाद वितरण के साथ दीवान का समापन

श्री अनंद साहिब जी के पाठ के बाद गुरुद्वारा के हेड ग्रंथी ज्ञानी जिवेंदर सिंह ने प्रकाश पर्व के सभी कार्यक्रमों के सफल समापन के लिए अरदास कर वाहेगुरु का शुक्रिया अदा किया। हुक्मनामा एवं कढ़ाह प्रसाद वितरण के साथ शाम छह बजे दीवान की समाप्ति हुई। स्त्री सत्संग सभा समेत गुरु घर के सभी सेवादारों से इसी तरह गुरु घर की सेवा से जुड़े रहने को कहा।

प्रकाश पर्व में शामिल होने के लिए पटना जाएगा जत्था

सत्संग सभा के मनीष मिढ़ा ने साध संगत को बताया कि जनवरी में पटना साहिब में आयोजित श्री गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व में शामिल होने के लिए कृष्णा नगर कॉलोनी से श्रद्धालुओं का पहला जत्था तीन जनवरी को ट्रेन से रवाना होगा। सत्संग सभा में प्रकाश पर्व संगत के पटना साहिब से लौटने के बाद मनाया जाएगा, तिथि की घोषणा कुछ दिनों में कर दी जाएगी।

दीवान समापन के बाद चला लंगर

दीवान की समाप्ति के बाद सत्संग सभा ने चाय नाश्ते का लंगर चलाया। द्वारका दास मुंजाल, सुंदर दास मिढ़ा, सुरेश मिढ़ा, हरगोबिंद सिंह, नरेश पपनेजा, अशोक गेरा, मोहन काठपाल, मोहन लाल अरोड़ा, जीवन मिढ़ा, वेद प्रकाश मिढ़ा, हरीश मिढ़ा, अमरजीत गिरधर, बिनोद सुखीजा, अनूप गिरधर, रमेश पपनेजा, महेश सुखीजा, इंदर मिढ़ा, कंवलजीत मिढ़ा, आशु मिढ़ा, नवीन मिढ़ा, राकेश गिरधर, सूरज झंडई, शेंकी मिढ़ा, भूपिंदर सिंह, पवनजीत सिंह खत्री, महेंद्र अरोड़ा, कमल अरोड़ा, सोनू खुराना, बॉबी खत्री, हरविंदर सिंह, उमेश मुंजाल, जसपाल मुंजाल, अजय मुंजाल, भरत गाबा समेत अन्य ने योगदानर दिया।

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