नए भवन में पढ़ाई के लिए अकांक्षा के विद्यार्थियों को करना होगा और इंतजार
अकांक्षा के विद्यार्थियों को नए भवन में पढ़ाई और छात्रावास की सुविधा के लिए अभी और इंतजार करना होगा। जिला स्कूल परिसर में पांच करोड़ की लागत से बन...
रांची। संवाददाता
अकांक्षा के विद्यार्थियों को नए भवन में पढ़ाई और छात्रावास की सुविधा के लिए अभी और इंतजार करना होगा। जिला स्कूल परिसर में पांच करोड़ की लागत से बन रहे नए भवन का निर्माण कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है। 2020 में इस भवन को हैंडओवर करने का लक्ष्य रखा गया था। निर्माण कार्य कर रहे ठेकेदार रमण के अनुसार कोरोना के कारण काम समय पर पूरा नहीं हो सका। इसी वजह से इसे हैंडओवर करने में देरी हो रही है। अभी फिनिशिंग का काम चल रहा है। एक महीने में काम पूरा कर इसे भवन निर्माण विभाग को सौंप दिया जाएगा।
वर्त्तमान में अकांक्षा की कक्षाएं बरियातू स्थित राजकीय बालिका प्लस टू विद्यालय के उधार के दो कमरे में चल रही है। कोचिंग संचालन के लिए कोई स्थाई कमरा नहीं होने के कारण नया भवन बनाने का फैसला सरकार ने लिया था। मालूम हो कि अकांक्षा के तहत राज्य सरकार आर्थिक रूप से कमजोर और जरूरतमंद बच्चों को इंजीनियरिंग और मेडिकल परीक्षा की तैयारी कराती है। हालांकि, कोरोना के कारण अभी विद्यार्थियों को वापस नहीं बुलाया गया है।
नए भवन में कई सुविधाएं :
नए भवन में बच्चों के रहने से लेकर उनके क्लासरूम सहित अन्य सुविधाएं हैं। हालांकि, यह तय नहीं हो सका है कि बालकों को कहां रखा जाएगा। नए भवन में छात्राओं के लिए हॉस्टल की व्यवस्था है। छात्रों का कहना है कि कोचिंग में स्थान की कमी के कारण पढ़ाई का माहौल नहीं बन पाता है। बरियातू स्थित हॉस्टल में पानी की भी समस्या है। गर्मी के दिन में सड़क पार कर स्कूल कैंपस से बाल्टी में पानी भरकर लाना पड़ता है।
बेहतर प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थी :
अकांक्षा के विद्यार्थी हर साल इंजीनियरिंग और मेडिकल की परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करते रहे हैं। 2019 की जेईई मेन परीक्षा में 24 विद्यार्थियों में से 19 को सफलता मिली थी। कोचिंग से पास आउट विद्यार्थी बीआईटी सिंदरी, एनआईटी जमशेदपुर में पढ़ाई कर रहे हैं। पहले इसमें 40 विद्यार्थियों को पढ़ाया जाता था, लेकिन विद्यार्थियों में बढ़ते रुझान को देखते हुए सरकार ने सीटों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया है।
क्या कहते हैं विद्यार्थी :
अभी जिस छात्रावास में हैं, वहां ज्यादा परेशानी नहीं है। लेकिन खुदका कैंपस होने से सुरक्षा के लिहाज से फायदेमंद होगा। साथ ही एकाग्रता बनाने में ज्यादा आसानी होगी। यहां दो बैच के छात्र होने से जगह की कमी होती है।
- किशन भंडारी
फिलहाल बीएड कॉलेज के साथ हमारी कोचिंग चलती है, जिसके कारण कई बार हमें थोड़ी परेशानी झेलनी पड़ती है। नए भवन में छात्रावास की सुविधा इससे बेहतर होगी, ऐसी उम्मीद है।
- विकास महतो
अपना कैंपस शहर के बीचों-बीच होने से सुरक्षा के लिहाज से यह काफी अच्छा है। बीएड कॉलेज के साथ पढ़ाई में कईबार बाधा होती है। नए भवन में हमलोग एकाग्रता के साथ पढ़ाई कर सकेंगे।
- साक्षी जायसवाल
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