जल्द मिलने लगेगी जाड़े के मौसम की सब्जी

मौसम अनुकूल होने से किसानों को सब्जी की मिलेगी अच्छी कीमत, जाड़े के मौसम की हरी सब्जी की खेती में अच्छी पैदावार की उम्मीद किसानों को...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीSun, 1 Nov 2020 11:30 PM
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बाजार नई सब्जी एक पखवाड़े के बाद आ जाएगी। खेतों में लगी सब्जी की फसल अब तैयार होने लगी है। किसानों के मुताबिक 15 नवम्बर के बाद रांची के बाजार में बड़ी मात्रा में सब्जी पहुंचने लगेगी। इससे कीमत में गिरावट भी आएगी और लोगों को सस्ते दर पर हरी सब्जी उपलब्ध होगी।

मटर, पालक, मिर्च समेत कई सब्जी की खेती

जाड़े के मौसम में मिलने वाली सब्जियों में मटर, पालक, मिर्च, फूलगोभी-बंधगोभी, फ्रेंचबीन, टमाटर, गाजर, बैंगन और आलू की खेती बड़े पैमाने पर किसानों ने की है। खेत में पौधे वाले फ्रेंचबीन भी बहुतायत लगे हैं। चान्हो में चोरेया के प्रगतिशील किसान नंदकिशोर साहू और पिठोरिया के दिलेश्वर साहू ने बताया कि सितम्बर माह में सब्जी की खेती शुरू हुई थी। जाड़े के मौसम की शुरुआती फसल होने की वजह से खेत में तैयार हो रही सब्जी की किसानों को अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद है।

40 हजार हेक्टेयर जमीन पर हुई है खेती

रांची के 18 प्रखंड में इस बार 40 हजार हेक्टेयर जमीन पर मौसमी सब्जी की खेती किसानों ने की है। रांची में खेती योग्य कुल जमीन 2.25 लाख हेक्टेयर है। इसमें से 25 प्रतिशत से अधिक टांड जमीन पर जाड़े के मौसम की सब्जी की खेती की जा रही है। दोन और नीचले इलाके में जल जमाव वाले खेत मे अभी धान की फसल तैयार हो रही है। किसानों द्वारा पूर्व में लगाए गए अदरक और धनिया पत्ता समेत मूली फसल ली जा रही है।

जाड़े में हर दिन 350 टन सब्जी खेत से निकलेगी

नवम्बर माह के दूसरे सप्ताह से रांची जिला में हर दिन करीब 350 टन सब्जी खेत से निकलेगी। इस पेशे में जुड़े किसान रांची के 12 प्रमुख हाट-बाजार में सब्जियों की बिक्री करते हैं। कई किसान लीज पर बड़े भूखंड मे सब्जी की समूह खेती में जुटे हुए हैं। बड़े किसान सीधे खेत से विभिन्न कंपनी, बड़े व्यापारी समूह और होटल संचालकों को सब्जी की आपूर्ति करते हैं।

यह हैं प्रमुख सब्जी उत्पादक क्षेत्र

रांची में प्रमुख सब्जी उत्पादक क्षेत्र में पिठोरिया में सात सौ एकड़ में खेती हुई है। इसके अलावा कोकदोरो, पोखरगढ़ा, बाढ़ू, राड़हा, पीरू टोला, कुम्हरिया, बलवापीढ़ी, चान्हो, चोरेया, सिलादाई, मांडर, बूढ़ा खुखरा, पाली, रातू, नगड़ी, ईटकी, सिल्ली, बुंडू, राहे, तमाड़, सोनाहातू और ओरमांझी में बड़े पैमाने पर सब्जी की फसल तैयार हो रही है।

कोट:

इस बार मानसून में अच्छी बारिश होने से खेत में नमी है। इससे जाड़े के मौसम में ली जाने वाली सब्जी की पैदावार अच्छी होगी और किसानों की आमदनी दोगुनी होगी।

-डॉ केके झा, अध्यक्ष

उद्यान विभाग, बीएयू, कांके

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