सपना कुमारी ने 5000 किसानों को स्वावलंबन की राह दिखाई
परिस्थितियां कितनी भी विपरीत हों, लेकिन लक्ष्य पक्का हो तो हर मुश्किल आसान हो जाती है। यह साबित कर दिखाया दुमका की सपना कुमारी ने। बीए और बीएड करने...
रांची। प्रमुख संवाददाता
परिस्थितियां कितनी भी विपरीत हों, लेकिन लक्ष्य पक्का हो तो हर मुश्किल आसान हो जाती है। यह साबित कर दिखाया दुमका की सपना कुमारी ने। बीए और बीएड करने बाद जब ढंग की नौकरी नहीं मिली, तो उन्होंने समय गंवाने की बजाय न सिर्फ खेतीबाड़ी का काम शुरू किया, बल्कि लगभग 5000 किसानों को भी आयवृद्धि के गुर सिखाकर उन्हें स्वावलंबी बनाया। शुक्रवार को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित पूर्वी क्षेत्र प्रादेशिक कृषि मेला व एग्रोटेक किसान मेला में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने सपना कुमारी को संस्था प्रोग्रेसिव विजन के माध्यम से कृषि व उद्यमिता विकास के क्षेत्र में योगदान के लिए सम्मानित किया।
सपना ने बताया कि उनके पति दुमका के गोपीकांदर प्रखंड में कृषि पदाधिकारी हैं। उनके पास अक्सर किसान अपनी समस्या लेकर आते रहते थे। अमूमन किसानों की माली हालत बहुत खराब थी। तब यह विचार आया कि किसानों को खेतीबाड़ी में ऐसा क्या नवाचार सिखाया जाए, जिससे उनकी आयवृद्धि हो। सपना ने प्रोग्रेसिव विजन संस्था शुरू की और इसके माध्यम से किसानों को मशरूम उत्पादन व बर्मी कंपोस्ट बनाने का प्रशिक्षण दिया। वह अपने लैब में मशरूम का स्पॉन्ज तैयार कर किसानों को देती हैं। साथ ही, मौसम से पहले पत्तागोभी, मटर, बींस आदि सब्जियां उगाने के काम से किसानों को जोड़ा, क्योंकि इसकी बाजार में अच्छी कीमत मिलती है। यही सब्जियां मौसम आने पर सस्ती बिकती हैं। इसके अलावा किसानों के उत्पादों की बिक्री भी करवाई। लॉकडाउन के दौरान किए गए इस काम से किसानों को अच्छा मुनाफा हुआ।
सपना ने तीन वर्ष पहले यह काम शुरू किया। अब तक उनकी संस्था प्रोग्रेसिव विजन से लगभग 5000 महिला व पुरुष किसान जुड़ चुके हैं। उनके तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं। परिवार को देखने के साथ उद्यमी के तौर पर भी अपना काम बखूबी संभालती हैं। किसानों को सही बाजार मूल्य उपलब्ध कराना उनका लक्ष्य है। कहती हैं किसान को मेहनत की सही कीमत नहीं मिलती। इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए वह व्यक्तिगत स्तर पर उन्हें बाजार उपलब्ध कराने का प्रयास करती हैं।
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