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देश में पहली बार वैधानिक समझौते के साथ चीन सीमा पर जाएंगे संताली : हेमंत

देश में पहली बार वैधानिक समझौते के साथ चीन सीमा पर जाएंगे संताली : हेमंत। देश में पहली बार वैधानिक समझौते के साथ चीन सीमा पर जाएंगे संताली :...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीThu, 11 June 2020 08:38 PM
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दुमका से श्रमिक स्पेशल ट्रेन को हरी झंडी दिखा कर उधमपुर के लिए शुक्रवार को रवाना करेंगे। इस ट्रेन में करीब 1500 संताली श्रमिक सवार होंगे। इनको बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) भारत-चीन सीमा पर (लेह-लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर) सड़क और सुरंग बनाने के लिए पहली बार सीधे उपायुक्त कार्यालय में पंजीकरण करा कर ले जा रहा है। ऐसा देश में पहली बार हो रहा है। सीएम सोरेन ने कहा है कि पहली बार संताली श्रमिक बिचौलियों से मुक्त होकर हक-अधिकार के साथ वैधानिक तरीके से निर्भिक होकर अपनी इच्छा से काम करने जाएंगे। वह जिब मजदूरी और कल्याण सुविधाओं का लाभ प्राप्त करते हुए देश की कठिनतम जलवायु और परिस्थितियों में देश के लिए काम करेंगे। एक नई शुरुआत के लिए बीआरओ के एडीजी अनिल कुमार भी सीएम के साथ दुमका में मौजूद रहेंगे। दोनों के बीच गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन में लंबी बैठक हुई। सीएम सोरेन ने उन्हें श्रमिकों को पारदर्शी तरीके से बगैर बिचौलियों के रिक्रूटमेंट की कार्रवाई करने, समय पर मजदूरी एवं अन्य भत्ते और कल्याण योजनाओं का लाभ देने को कहा। एडीजी ने कहा कि बीआरओ ने झारखंड सरकार के साथ श्रमिकों कानून के तहत एमओयू करने के लिए गृह मंत्रालय से अनुमति मांगी है। जल्द फलाफल मिलेगा। उन्होंने कहा कि झारखंड के कामगार देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क निर्माण कार्य में शुरु से ही सराहनीय और बहुमूल्य योगदान देते आ रहे हैं। इनकी सुरक्षा, मजदूरी और कल्याण को लेकर बीआरओ सभी समुचित कदम उठाएगा। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का भी मौजूद रहे। देश में पहली बार लिखित सहमति का होगा आदान-प्रदान बीआरओ और जिला प्रशासन के बीच संताली श्रमिकों को इंटर स्टेट लेबर एक्ट 1979 और वर्क्समैन कंपनसेशन एक्ट 1923 के तहत निर्धारित मजदूरी, स्वास्थ्य सुविधायें, दुर्घटना लाभ, यात्रा भत्ता, आवास लाभ आदि लाभ देने पर लिखित सहमति का आदान प्रदान किया जाएगा। सीएम सोरेन ने कहा कि इस प्रकार का समझौता बीआरओ देश में सबसे पहले झारखंड के साथ करेगा। उन्होंने कहा कि यह एक शुरुआत भर है। आगे सरकार किसान, मजदूर, आम लोगों और व्यापारियों के विकास के लिए नई व्यवस्था लेकर आ रही है। राज्य में रोजगार के नए आयाम देखने को मिलेंगे। सात ट्रेन शेड्यूल : अब तक सात विशेष श्रमिक ट्रेन शेड्यूल हो गई हैं। छह ट्रेन दुमका से और एक देवघर से खुलेगी। संताल के श्रमिक 1970 से लेह-लद्दाख में सड़क बना रहे हैं। 13, 16 और 24 जून को भी दुमका से चंड़ीगढ़ के लिए ट्रेन शेड्यूल है। इसके अलावा 20 और 28 जून को ट्रेन दुमका से उधमपुर पहुंचेगी। अगले माह चार जुलाई को ट्रेन देवघर से उधमपुर के लिए रवाना होगी। मार्ग में ट्रेनों के तीन-चार स्टॉपेज भी होंगे। स्टेशन से आगे लेह-लद्दाख तक की यात्रा बस से पूरी की जाएगी। राज्य से 11815 श्रमिकों को जाना है।लद्दाख से वापसी भी होगी आज और कललॉकडाउन में फंसे 50 संताली श्रमिकों का चौथा समूह शुक्रवार को और 43 श्रमिकों का समूह शनिवार को विमान से रांची पहुंचेगा। इन्हें इनकी इच्छा पर झारखंड सरकार वापस ला रही है।इस काम में निजी कंपनियां और संस्थाओं ने भी सहयोग दिया है। इसके बाद लद्दाख में फंसे 270 श्रमिकों की वापसी का 29 मई से शुरू हुआ सिलसिला पूरा हो जाएगा। अब तक तीन विमानों से 175 श्रमिकों की घर वापसी हो चुकी है। दुमका में मुख्यमंत्री के कई कार्यक्रमसीएम सोरेन विमान से दुमका शुक्रवार सुबह 11 बजे पहुंच जाएंगे। राजभवन जाने के बाद साढ़े बारह बजे दिन में वह दुमका मेडिकल कॉलेज के नए भवन जाएंगे। इसके बाद वह एक बजे दुमका रेलवे स्टेशन पहुंचेंगे। यहां नौखेता पंचायत के मनरेगा योजना में शत प्रतिशत प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने पर प्रशस्ति पत्र से सम्मानित करेंगे। दोपहर दो बजे दुमका से विशेष श्रमिक ट्रेन को हरी झंडी दिखा कर उधमपुर के लिए रवाना करेंगे।

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