Hindi Newsझारखंड न्यूज़रांचीRU Students not able to avail health insurance

आरयू: स्वास्थ्य बीमा का लाभ नहीं ले पा रहे विद्यार्थी

रांची विश्वविद्यालय प्रशासन ने पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण की घड़ी में अपने विद्यार्थियों के लिए सामूहिक स्वास्थ्य बीमा और दुर्घटना बीमा योजना शुरू...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीSat, 24 April 2021 02:00 PM
share Share

रांची। प्रमुख संवाददाता

रांची विश्वविद्यालय प्रशासन ने पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण की घड़ी में अपने विद्यार्थियों के लिए सामूहिक स्वास्थ्य बीमा और दुर्घटना बीमा योजना शुरू की थी। इस तरह की शुरुआत करनेवाला रांची विश्वविद्यालय राज्य का पहला और देश संभवत: दूसरा विश्वविद्यालय है। लेकिन, बीमा कंपनियों की लेटलतीफी के कारण विद्यार्थियों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है।

अभी जब कोरोना संक्रमण चरम पर है, उसमें आरयू की यह योजना विद्यार्थियों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकती है। इसका लाभ करेंट बैच के विद्यार्थियों को मिलना है, जिनकी संख्या लगभग 40,000 है।

छात्रों का सामूहिक स्वास्थ्य बीमा 50,000 का व दुर्घटना बीमा दो लाख किया गया था। विश्वविद्यालय के शिक्षकों, शिक्षेकतर कर्मियों और पदाधिकारियों का भी सामूहिक स्वास्थ्य बीमा किया गया। इसके लिए रांची विश्वविद्यालय और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के बीच पिछले वर्ष जुलाई में करार हुआ था। यह योजना छात्रों के लिए पूरी तरह नि:शुल्क है। इसके तहत प्रति छात्र 295 रुपये का प्रीमियम विश्वविद्यालय जमा करेगा। इसमें छात्र 50,000 तक का कैशलेस इलाज करा सकते हैं। साथ ही, साल में दो बार स्वास्थ्य की सामान्य जांच भी करा सकते हैं। वहीं, शिक्षकों, कर्मचारियों और पदाधिकारियों का चार लाख तक का सामूहिक स्वास्थ्य बीमा का प्रावधान किया गया। इसमें प्रति व्यक्ति 2890 रुपए प्रीमियम कटना है। छात्रों के दो लाख के सामूहिक दुर्घटना बीमा के लिए रांची विश्वविद्यालय और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के बीच करार हुआ था।

विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य बीमा का पैसा कंपनी को जमा करा दिया गया था। कई रिमाइंडर के बाद एसबीआई इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने काफी देर से छात्रों के लिए स्वास्थ्य कार्ड जारी किया, जिसमें कई त्रुटियां हैं। नाम की गलती व कॉलेज का गलत नाम, जैसी अनगिनत शिकायतें विश्वविद्यालय को मिली हैं। पहली बार शुरू हुई इस बीमा योजना में विश्वविद्यालय का अनुभव अच्छा नहीं रहा है। अब विश्वविद्यालय प्रशासन विचार कर रहा है कि उसी कंपनी के साथ करार का नवीनीकरण किया जाए या दोबारा टेंडर निकाला जाए।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें