लोककला के उत्थान में स्व. आनंद राम महली का योगदान अविस्मरणीय : क्षितिज
दिघिया गांव में स्व. आनंद राम महली की 67वीं जयंती समारोह का आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि क्षितिज कुमार राय ने उनके लोककला के क्षेत्र में योगदान को सराहा। समारोह में श्रद्धांजलि, सांस्कृतिक कार्यक्रम और...
बेड़ो, प्रतिनिधि। लोककला के उत्थान में स्व. आनंद राम महली के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। यह बातें क्षितिज कुमार राय ने कहीं। प्रखंड के दिघिया गांव में शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोक कलाकार स्व. आनंद राम महली की स्मृति में आयोजित 67वें जयंती समारोह सह सांस्कृतिक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इसके पूर्व महली समाज के लोगों, रंगकर्मियों, लोक कलाकारों, समाजसेवियों और शिक्षाविदों ने लोक कलाकार स्व. आनंद राम महली की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दिया। साथ ही अतिथियों को माला पहनाकर और बैज लगाकर सम्मानित किया गया। वहीं महली समाज के लोक और अन्य कलाकारों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर जनमानस को झूमने पर विवश कर दिया। समारोह में विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी हरिनारायण महली ने कहा कि लोक कलाकार स्व. आनंद राम महली ने सात देशों की यात्रा कर अपनी नागपुरी भाषा की लोककला की अमिट छाप अंतरराष्ट्रीय मंचों पर छोड़ी थी। समारोह का संचालन मनीष बरवार और धन्यवाद ज्ञापन हरिशंकर राम महली ने किया। मौके पर वाणी कुमार राय, भवानी शरण सिंह, महावीर साहू, मनरखन बड़ाइक, सुदामा सिंह, यमुना सिंह, हरिशंकर राम महली, कार्तिक धान, देवकुमार महली, परमेश्वर महली, अशोक महली, भोला महली, दीपक इंदवार, कुंती देवी, विजय लक्ष्मी, रजनी देवी, विमला देवी, भुजन महली, सत्यनारायण महली और विश्वनाथ महली आदि ने सराहनीय योगदान दिया।
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