अतिथि शिक्षकों ने काम करने से रोके जाने पर जताया विरोध
रांची विश्वविद्यालय ने उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के संकल्प का हवाला देते हुए 124 अतिथि शिक्षकों को कार्य से रोका। शिक्षकों का आरोप है कि यह रजिस्ट्रार के मौखिक आदेश पर हो रहा है। उन्होंने विरोध...
रांची, विशेष संवाददाता। रांची विश्वविद्यालय की ओर से उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के संकल्प का हवाला देते हुए विश्वविद्यालय में कार्य रहे 124 अतिथि शिक्षकों को कार्य करने से रोका जा रहा है। अतिथि शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि ऐसा रजिस्ट्रार के मौखिक आदेश से किया जा रहा है। इस मुद्दे पर अतिथि शिक्षकों ने सोमवार को रांची विश्वविद्यालय मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि अतिथि शिक्षकों का मामला वर्तमान में झारखंड हाईकोर्ट में विचाराधीन है और जब तक सुनवाई पूरी नहीं हो जाती है, तब तक उन्हें सेवा से नहीं हटाया जा सकता। अतिथि शिक्षकों का कहना था कि रांची विश्वविद्यालय की ओर से हाईकोर्ट के निर्देशों की अवहेलना करते हुए 124 अतिथि शिक्षकों को कार्य करने से रोका जा रहा है। अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद ने कहा कि उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग और रांची विश्वविद्यालय शिक्षकों के जीवन से खेल रहे हैं। वहीं, संघ के संयोजक डॉ धीरज सिंह सूर्यवंशी ने कहा कि यह शिक्षक विरोधी संकल्प है, इस पर हाईकोर्ट को त्वरित संज्ञान लेकर संबंधित पदाधिकारी पर कार्रवाई करनी चाहिए।
अतिथि शिक्षकों ने सामूहिक रूप से रजिस्ट्रार को झारखंड हाईकोर्ट के आदेश की प्रतिलिपि सौंपी और कहा कि हमारी नियुक्ति रांची विश्वविद्यालय की ओर से नियत संगत की गई है और अब हमें कार्य करने से रोका जा रहा है। इन अतिथि शिक्षकों को पिछले 17 महीने से वेतन का भुगतान भी नहीं किया गया है।
विरोध-प्रदर्शन में डॉ धीरज सिंह सूर्यवंशी, डॉ जमील अख्तर, डॉ आशीष कुमार, शिवकुमार, सौरभ कुमार, कृष्णकांत, डॉ ज्योति डुंगडुंग, डॉ रंजू, राजू हजम, आसिफ अंसारी, सरफराज अहमद, डॉ ताल्हा नकवी, डॉ खातून, डॉ पूनम, डॉ चक्षु पाठक, विकास कुमार, सहित अन्य अतिथि शिक्षक शामिल थे।
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