साहित्यिक चोरी जांचने को इस्तेमाल होगा टर्निटिन सॉफ्टवेयर
रांची विश्वविद्यालय ने शोध की गुणवत्ता को बढ़ाने और साहित्यिक चोरी की समस्याओं का सामना करने के लिए एआई आधारित टर्निटिन सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराया है। यह सॉफ्टवेयर वैश्विक स्तर पर साहित्यिक चोरी की जांच...
रांची, विशेष संवाददाता। रांची विश्वविद्यालय प्रशासन ने शोध की गुणवत्ता सुनिश्चित करने व साहित्यिक चोरी जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए कदम उठाए हैं। इसके तहत विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने सभी शिक्षकों और शोधार्थियों को एआई समर्थित साहित्यिक चोरी का पता लगानेवाला सॉफ्टवेयर- टर्निटिन, उपलब्ध कराया है। यह सॉफ्टवेयर वैश्विक रूप से साहित्यिक चोरी की जांच करने के लिए उपयोगी माना जाता है। इससे संकाय सदस्यों और शोधार्थियों को अपने शोध में गुणवत्ता लाने में मदद मिलेगी। विश्वविद्यालय में शोध गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा ने नव नियुक्त अनुसंधान परियोजनाओं के लिए 5 लाख रुपए की- सीड मनी की भी व्यवस्था की है।
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