अतिथि शिक्षकों ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से न्याय की लगाई गुहार
रांची विश्वविद्यालय के अतिथि शिक्षक 25 सितंबर से मानदेय भुगतान की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं। इन्हें पिछले 17 महीने से वेतन नहीं मिला है। शिक्षक संघ ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार...
रांची, विशेष संवाददाता। रांची विश्वविद्यालय के अतिथि शिक्षक बीते 25 सितंबर से लंबित मानदेय भुगतान की मांग को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में धरना दे रहे हैं। सोमवार को विश्वविद्यालय में अवकाश घोषित होने के बाद भी अतिथि शिक्षक धरने पर बैठे रहे। इन शिक्षकों को विगत 17 माह से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। संघ के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद ने कहा कि अभी हमें पूजा-आराधना में रहना चाहिए था, लेकिन हम धरने पर बैठे हैं। अतिथि शिक्षकों ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई। अतिथि शिक्षक डॉ धीरज सिंह सूर्यवंशी ने कहा कि यह रवैया विश्वविद्यालय प्रशासन और उच्च एवं शिक्षा तकनीकी विभाग की घोर निरंकुश्ता को दर्शाता है। वहीं, राजू हज्जाम ने कहा कि 17 महीने से किसी को वेतन का भुगतान नहीं करना, व्यक्ति के मौलिक अधिकार का हनन करना है, जो की एक अपराध के श्रेणी में आता है।
धरना-प्रदर्शन में उर्दू विषय की अतिथि शिक्षिका डॉ तस्नीमा परवीन, जिनका पिछले दिनों निधन हो गया, को न्याय देने का नारा भी लगाया गया। तस्लीमा परवीन का 15 सितंबर को देहांत हो गया, वह अपने वेतन के भुगतान के लिए कई महीनों से रांची विश्वविद्यालय से संघर्ष कर रही थीं।
धरना देनेवाले अतिथि शिक्षकों में- डॉ जिज्ञासा ओझा, डॉ सतीश तिर्की, डॉ आशीष कुमार, शुभम सौरभ, विकास कुमार, डॉ चक्षु पाठक, हैदर अली, डॉ ताल्हा नकवी, डॉ सुल्ताना परवीन, आलोक उत्पल नाजिश हसन आदि शामिल थे।
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