अतिथि शिक्षकों का बहाली में प्राथमिकता नहीं दिए जाने का आरोप
रांची विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापकों की बहाली में अतिथि शिक्षकों को प्राथमिकता न दिए जाने का आरोप लगाया गया है। अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार के निर्देशों की...
रांची, विशेष संवाददाता। रांची विश्वविद्यालय में आवश्यकता आधारित सहायक प्राध्यापकों की बहाली में अतिथि शिक्षकों को प्राथमिकता नहीं दिए जाने का आरोप, अतिथि शिक्षक संघ ने लगाया है। संघ के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार का निर्देश है कि बहाली में अतिथि शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाए, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इसकी अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि अभी जो सूची जारी की गई है, जिसमें बहुत कम ही अतिथि शिक्षकों की बहाली संभव है, इस सूची में बाद में भरे गए आवेदन वालों का नाम भी नहीं जुड़ा है। उन्होंने कहा कि कई सारे विषय हैं, जिनमें अतिथि शिक्षकों के लिए सीट ही नहीं है। वहीं, दूसरी ओर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए जो सूची तैयार की गई है उसमें भी इन अतिथि शिक्षकों को कोई प्राथमिकता नहीं दी गई है। अरविंद प्रसाद ने कहा कि 8 वर्ष से भी अधिक समय से विश्वविद्यालय की सेवा करने के बाद अचानक अतिथि शिक्षकों को कहा कि किस प्रकार से अतिथि शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी यह भी स्पष्ट नहीं है, क्या उन्हें 30 से 40 अंक अतिभार के रूप में दिया जाएगा या उनके लिए अलग से सीट सुरक्षित रखी जाएगी, इस पर रांची विश्वविद्यालय को विचार करनी चाहिए।
वहीं, अतिथि शिक्षक प्रेम शंकर तिवारी ने कहा कि सामान्य वर्ग के वैसे अतिथि शिक्षक जिनके विषय में सामान्य श्रेणी के लिए सीट ही नहीं है, तो ऐसी स्थिति में उन्हें किस प्रकार से प्राथमिकता मिलेगी। जबकि, डॉ धीरज कुमार सूर्यवंशी ने कहा कि 8 वर्ष से अधिक समय तक कम पैसे में सेवा कर रहे थे तब तक हमलोग सही थे और जब हम समायोजन की मांग करने लगे तो हमें प्राथमिकता देने के नाम से बाहर करने का प्रावधान बना दिया गया, विश्वविद्यालय और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग हमें छलने का काम किया है।
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