वेतन भुगतान के लिए अतिथि शिक्षकों का आंदोलन जारी
रांची विश्वविद्यालय के अतिथि शिक्षकों ने पिछले 17 महीनों से लंबित वेतन का भुगतान मांगने के लिए अनिश्चितकालीन धरना जारी रखा है। शिक्षकों का कहना है कि सरकार के पास वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं, जबकि...
रांची, विशेष संवाददाता। रांची विश्वविद्यालय में कार्यरत अतिथि शिक्षकों का विगत 17 महीने से लंबित वेतन भुगतान मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन दुर्गा पूजा की छुट्टियों में भी जारी है। अतिथि शिक्षक बीते 25 सितंबर से लगातार आंदोलन कर रहे हैं। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने उनके मानदेय के भुगतान को लेकर अबतक कोई निर्णय नहीं लिया है। शिक्षकों का कहना है कि कॉलेजों के भवन निर्माण के लिए करोड़ों रुपये का बजट कैबिनेट में पारित हो गया, लेकिन अतिथि शिक्षकों को वेतन देने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं हैं। संघ के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद ने कहा कि उस भवन का क्या औचित्य, जहां शिक्षक नहीं हों। संघ के संयोजक डॉ धीरज कुमार सिंह ने कहा कि हमारी एक सहकर्मी दिवंगत तस्नीमा परवीन अपने वेतन के लिए दौड़ती रह गईं और उनकी मृत्यु भी हो गई, फिर भी विश्वविद्यालय प्रशासन और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग निष्क्रिय बना रहा। हमारी माली हालत इतनी दयनीय हो गई है कि हमारे साथ भी कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है, उसका जिम्मेदार कौन होगा। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री के यहां भी कई बार गुहार लगाई, लेकिन कहीं से किसी भी प्रकार की सकारात्मक पहल नहीं की जा रही है। वहीं, अतिथि शिक्षक शिवकुमार ने कहा कि हम लोगों का त्योहार इस बार भी फीका हो गया है, वेतन नहीं मिलने के कारण हमारे कई साथी अपने घर भी नहीं जा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, हमारा आंदोलन अनवरत चलता रहेगा।
आंदोलन में कृष्णकांत, राजू हजाम, डॉ आशीष कुमार, सुल्ताना परवीन, विकास, शाहबाज आलम, साबिर अंसारी, डॉ चक्षु पाठक सहित अन्य अतिथि शिक्षक शामिल थे।
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