वसंत और प्रेम की कविताओं का हुआ पाठ
रांची में शब्दकार द्वारा कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई। कवियों ने प्रेम और वसंत पर कविताएँ प्रस्तुत कीं। वरिष्ठ साहित्यकार अरुण कुमार ने प्रकृति के प्रति...
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रांची, वरीय संवाददाता। शब्दकार की ओर से लालपुर स्थित सिटी पैलेस में कवि गोष्ठी आयोजित हुई। इस गोष्ठी में वसंत और प्रेम की कविताओं का पाठ कवियों ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत विम्मी प्रसाद ने सरस्वती वंदना से की। वसंत का आगाज रीता गुप्ता के गद्य ‘बसंत तुमने छुआ क्या के वर्णन से हुआ। अनामिका प्रिया ने-तुम्हारे आने पर कितनी खिली होती है शाम, कविता सुनायी। अनुपम श्री ने-जब भी कोई गीत लिखूंगी, प्रियतम तेरे संग प्रीत लिखूंगी, प्रस्तुत कर सभी की तालियां बटोरीं। संगीता सहाय अनुभूति ने-जब टूटन से गुजरती हूं, तुम छोड़ देते हो, अच्छा करते हो, का पाठ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार अरुण कुमार ने कहा कि प्रकृति के प्रति, बसंत के प्रति जो अनुराग है, वह कवियों को जगाने का काम करता है। कवि कुमार बृजेंद्र ने कहा कि रांची के कवि पूरे देश में जाने जाते हैं। उन्होंने गजल-तुम्हारा आना सूखते दरख्त पर बारिश की पहली फुहार की तरह है, सुनायी। शब्दकार की अध्यक्ष रश्मि शर्मा ने-मुरझाई-सी अमराई में है, गुनगुन भौरों की आहट, कविता पाठ करते हुए कहा कि कथा लेखन करते हुए कविताएं छूटने लगती हैं। सत्या शर्मा ने अपने नव प्रकाशित हाईकू संग्रह से रचनाओं का पाठ किया। जय माला ने सारगर्भित रचनाओं का पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन राजीव थेपड़ा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन संगीता कुजारा टॉक ने किया। इस अवसर पर अंशुमिता शेखर, कविता रानी, सुमिता सिन्हा, सुषमा झा, मनोज झा, पंकज पुष्कर, गुड्डू अनिल, सोनू कृष्णन, पुष्पा सहाय गिन्नी, सुनीता अग्रवाल, सुनीता कुमारी आदि ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
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