शिक्षक नियुक्ति की मेरिट लिस्ट पर अंतिम सुनवाई तीन जनवरी को
रांची हाईकोर्ट ने शिक्षक नियुक्ति परीक्षा (2016) की मेरिट लिस्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर सरकार को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। प्रार्थियों ने आरोप लगाया कि कम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को...
रांची। विशेष संवाददाता शिक्षक नियुक्ति परीक्षा (वर्ष 2016) की मेरिट लिस्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से अपना पक्ष रखा गया। सरकार की ओर से बताया गया कि इस मामले में महाधिवक्ता पक्ष रखेंगे। वह अस्वस्थ हैं, इसलिए आज मौजूद नहीं है। सरकार ने पक्ष रखने के लिए समय मांगा, जिसे स्वीकार करते हुए जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने तीन जनवरी को सुनवाई निर्धारित की और महाधिवक्ता को पक्ष रखने का निर्देश दिया।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से कोर्ट को बताया गया कि कई अभ्यर्थी जिनका अंतिम चयनित अभ्यर्थी से कम अंक है, उसकी भी नियुक्ति की गयी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सही तरीके से पालन नहीं किया गया है, जिस कारण मेरिट लिस्ट में काफी गड़बड़ियां हैं। प्रार्थियों ने गड़बड़ियों को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करते हुए आग्रह किया कि प्रार्थियों की संख्या हजारों में है। ऐसे में एक सदस्य वाली न्यायिक कमिशन का गठन किया जाए जो जेएसएससी की मेरिट लिस्ट और अभ्यर्थियों की व्यक्तिगत शिकायत पर जांच कर निर्णय ले। प्रार्थियों ने अदालत को बताया कि अभी भी 3704 पद रिक्त हैं। इन पदों को सरेंडर करना उचित नहीं है।
सुनवाई के दौरान जेएसएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने कोर्ट को बताया कि राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट के अनुसार जेएसएससी ने नियुक्ति की अनुशंसा की है। प्रार्थियों का यह कथन गलत है कि प्रार्थी का प्राप्तांक राज्य स्तरीय मेरीट लिस्ट में अंतिम चयनित अभ्यर्थी से कम है। सभी प्रार्थी का प्राप्तांक राज्य स्तरीय मेरीट लिस्ट के चयनित अंतिम अभ्यर्थी से कम है, इसलिए इनकी नियुक्ति नहीं की गई है।
क्या है मामला
मीना कुमारी एवं अन्य ने याचिका दाखिल कर स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2016 की स्टेट मेरिट लिस्ट पर आपत्ति जताई है। प्रार्थियों का दावा है कि उनसे कम अंक पाने वाले को नियुक्ति प्रदान की गई है। वर्ष 2016 में जो हाई स्कूल शिक्षक की नियुक्ति का विज्ञापन निकला था, उसके आलोक में उनकी भी नियुक्ति होनी चाहिए। अगर हाईस्कूल शिक्षकों की रिक्तियां बची है तो उनकी भी नियुक्ति होनी चाहिए।
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