Hindi Newsझारखंड न्यूज़रांचीRail passengers are disappearing in the middle of the road due to fear of corona investigation

कोरोना जांच के डर से बीच रास्ते में ही गायब हो रहे है रेल यात्री

महाराष्ट्र से पहुंची एलटीटी-हटिया स्पेशल ट्रेन, बिना जांच के ही साढ़े चार सौ यात्री स्टेशन से बाहर निकले प्रभावित राज्य से आने वाले रेल यात्रियों की...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीSun, 18 April 2021 09:40 PM
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रांची। संवाददाता

कोरोना से अत्यधिक प्रभावित राज्यों से आने वाले रेल यात्रियों की कोविड जांच अब खानापूर्ति हो गई है। रेल यात्री भी लापरवाही बरत रहे हैं। वहीं, रेल प्रशासन और जिला प्रशासन भी नियमित कोविड जांच करने से चूक जा रहा है।

हटिया और रांची स्टेशन आने वाले यात्रियों को कोविड जांच उपरांत ही उनके गतंव्य स्थान जाने की अनुमति मिलने की खबर से रेल यात्री हटिया-रांची पहुंचने से पहले ही उतर जा रहे हैं।

23 कोच वाली एलटीटी-हटिया सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन से 1450 यात्रियों को हटिया में उतरना था। ट्रेन यात्रियों से पूरी तरह भरी हुई थी। कई प्रवासी मजदूर, कामगार, छात्र महाराष्ट्र में जारी लॉक डाउन और उससे प्रभावित होने के कारण लौट रहे थे। परंतु, जब ट्रेन हटिया स्टेशन पहुंची तो करीब 450 यात्री ही उतरे। जबकि इस ट्रेन का झारखंड में मात्र हटिया स्टेशन में ही ठहराव था। लोकमान्य तिलक टर्मिनल से रवाना होने के बाद यह ट्रेन महाराष्ट्र के ही नासिक रोड, नागपुर के अलावा दुर्ग, बिलासपुर और राउरकेला में रूकी थी। बाकी यात्री बीच रास्ते में किस स्टेशन पर उतरे इस बारें में किसी को जानकारी नहीं है।

कोविड जांच दल ने मनाया रविवारीय अवकाश :

एलटीटी स्पेशल ट्रेन से आए यात्रियों की कोई कोविड जांच नहीं हुई। सभी यात्री बेरोक टोक स्टेशन से बाहर निकलकर अपने गतंव्य स्थान के लिए चले गए। वहीं, कोविड जांच नहीं होने का कारण मैन पावर की कमी और रविवारीय अवकाश बताया गया। जबकि जिला प्रशासन ने दावा किया है कि स्टेशन में 900 लोगों की कोरोना जांच की गई है।

जांच में समय लगने और कोरंटाइन होने से घबरा रहे यात्री:

बाहर से आने वाले यात्रियों को चिंता है कि ट्रेन में हजारों यात्री रहते हैं। एक-एक करके कोविड जांच होने में कई घंटे लग जाते हैं। इसके कारण उन्हें अपने गतंव्य स्थान पहुंचने में काफी मुश्किल होती है। पूरी ट्रेन के यात्रियों को कोविड जांच करने में तीन से चार घंटे का समय लग जाता है। जबकि स्टेशन में चार टीम कोविड जांच कर रही है। इसके अलावा जांच रिपोर्ट पॉजेटिव आने वाले यात्रियों को कोरंटाइन होने का भी डर सताता है। इसलिए कई लोग अब जांच से बचने की कोशिश कर रहे हैं।

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