जांच के नाम पर रेलवे की नर्सिंग स्टॉफ पर गाज गिराने की तैयारी
आरोप :::::::::::::::::::::::::: चिकित्सक की जगह नर्सिंग स्टॉफ का मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा रेलवे...
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चिकित्सक की जगह नर्सिंग स्टॉफ का मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा
रेलवे चिकित्सक की लापरवाही से एक रेलकर्मी की मौत का मामला
रांची। संवाददाता
पिछले दिनों हटिया स्थित रेलवे अस्पताल में इलाज के दौरान चिकित्सक की लापरवाही से एक रेलकर्मी की मौत हो गई थी। रात की ड्यूटी में कार्यरत डॉक्टर मरीज की स्थिति खराब होने के बाद बुलाने के बाद भी नहीं आए और मरीज तड़प-तड़प कर मर गया। बार-बार नर्सिंग स्टॉफ के द्वारा डॉक्टर को सूचना दी गई थी, परंतु जब तक मरीज की जान नहीं चली गई, तबतक वह अपने केबिन से नहीं निकले। इसके बाद डीआरएम के द्वारा इसकी जांच बैठा दी गई। जांच की जिम्मेवारी भी चिकित्सा विभाग को ही दे दी गई। निष्पक्ष जांच हो, इसके लिए रेलवे के अन्य विभागों को भी जिम्मेवारी तक नहीं दी गई। परंतु अब जांच के नाम पर चिकित्सक पर कारवाई न करके नर्सिंग स्टॉफ पर ही कारवाई की जा रही है। इस कारण डॉक्टर के अधीनस्त कार्यरत कर्मचारियों में रोष है।
उनका आरोप है कि जांच के नाम पर नर्सिंग स्टॉफ का मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। जांच के नाम पर 17 मई को 10 नर्सिंग स्टॉफ को सुबह साढ़े 10 बजे बुलाया गया, लेकिन तीन घंटे अस्पताल में रहने के बाद भी जांच की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई। जांच के नाम पर नर्सिंग स्टॉफ को ड्यूटी करायी गई, जबकि कुछ नर्स ने रात में 11 घंटे की ड्यूटी तक की थी। नर्सिंग स्टाफ ने बताया कि उस दिन जांच के लिए चिकित्सा विभाग के लोग दोपहर 12 बजे आए, परंतु जब स्टाफ ने चिकित्सक के बारे में सच्चाई बतानी चाही तो उन्हें बताने तक नहीं दिया गया और उनका बयान भी दर्ज नहीं किया गया। अब दोषी डॉक्टर को बचाने के लिए 10 नर्सिंग स्टॉफ के सिर ठीकरा फोड़ा जा रहा है।
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