1996 के अनुरूप नहीं है पेसा कानून की नियमावली : ग्लैडसन
रांची में आदिवासी सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष ग्लैडसन डुंगडुंग ने कहा कि पेसा कानून 1996 के अनुरूप नियमावली नहीं है। उन्होंने पारंपरिक ग्राम सभाओं के अधिकारों को सीमित करने वाले प्रस्तावों पर चिंता...
रांची, वरीय संवाददाता। 1996 के अनुरूप पेसा कानून की नियमावली नहीं है। यह बात आदिवासी सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष ग्लैडसन डुंगडुंग ने शुक्रवार को एसडीसी सभागार में साइन द्वारा आयोजित कार्यशाला में कही। उन्होंने कहा, पेसा नियमावली-2024 द्वारा पारंपरिक ग्राम सभाओं को सरकारी ग्राम सभा बनाने की तैयारी है। नियमावली के अनुसार पारंपरिक ग्राम सभाओं में कोरम वोट और बहुमत की व्यवस्था थोपी जा रही है। उन्होंने कहा, ग्राम सभा की विशेष बैठक के लिए मुखिया को जिम्मा देना ग्राम सभा अध्यक्ष के हक को छीनने जैसे है। इसी पंचायत का सचिव को ही ग्रामसभा का सचिव बनाया जा रहा है, जबकि पारंपरिक व्यवस्था में कोटवार, महतो जैसे पद मौजूद हैं। जिसे हटा दिया गया है। इसमें पारंपरिक ग्रामसभा द्वारा मनोनीत सदस्य को पंचायत समिति में वोट देने का अधिकार नहीं होगा। योजनाओं का क्रियान्वयन पंचायत की कार्यकारिणी समिति करेगी। इसमें ग्रामसभा को अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि गैर कानूनी तरीके से हस्तांतरित जमीन की वापसी मामले में मानकी और पड़हा को हटा दिया गया है। ग्रामसभा के बाद सीधे उपायुक्त को अधिकार दिया गया है। भूमि अधिग्रहण मसले में ग्रामसभा का कोरम 33% रखा गया है, जबकि केंद्रीय कानून में यह 70% है। कार्यशाला में रांची, खूंटी, सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, लातेहार व गढ़वा जिले के प्रतिभागी पहुंचे थे।
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