आर्ट्स के विद्यार्थियों के लिए परफॉर्मिंग आर्ट व फिल्म मेकिंग कोर्स भी अच्छे विकल्प
12वीं के बाद आगे की पढ़ाई और करियर को लेकर विद्यार्थियों के सामने कई विकल्प हैं। इनमें सही विकल्प का चयन कैसे करें, यह एक चुनौती है। खासकर, आर्ट्स विषय लेकर आगे की पढ़ाई करने के इच्छुक विद्यार्थियों...
12वीं के बाद आगे की पढ़ाई और करियर को लेकर विद्यार्थियों के सामने कई विकल्प हैं। इनमें सही विकल्प का चयन कैसे करें, यह एक चुनौती है। खासकर, आर्ट्स विषय लेकर आगे की पढ़ाई करने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए कौन-से अवसर हैं? ऑनर्स विषय के साथ कौन-से इलेक्टिव विषय रखें कि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में आसानी हो? आर्ट्स में वोकेशनल और प्रोफेशनल कोर्स कौन-से हैं, इन सब शंकाओं का समाधान किया गया हैलो हिन्दुस्तान में। इसमें बतौर विशेषज्ञ मौजूद थे डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (डीएसपीएमयू) के भूगोल विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ अभय कृष्ण सिंह।डॉ अभय कृष्ण सिंह ने छात्रों के अध्ययन, करियर से जुड़ी तमाम जिज्ञासाओं का समाधान किया। उन्होंने बताया कि आर्ट्स का क्षेत्र बहुत विस्तृत हो गया है। अब इसमें कोर विषयों के अलावा कई वोकेशनल और प्रोफेशनल कोर्स भी जुड़ गए हैं। उन्होंने स्नातक में विषयों का चयन करने में सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी। साथ ही, किसी भी संस्थान में नामांकन से पहले उसकी वैधता, मान्यता ठीक से जांच लेने पर विशेष जोर दिया।
हैलो हिन्दुस्तान में पूछे गए सवाल व उनके जवाब :
सवाल- प्रशासनिक सेवा में जाना लक्ष्य है। स्नातक में कौन-से विषयों का चयन सही रहेगा?- निखिल राज, कांके रोड
जवाब- सिविल सर्विसेस की तैयारी के लिए विषयों का चयन महत्वपूर्ण है। सिविल सर्विसेस में प्रीलिम्स में सीसैट और जीएस, दो पेपर होते हैं। मेंस में एक आपका अपना विषय होगा, जिसे आप्शनल कहते हैं और एक जीएस। स्नातक में- भूगोल, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, इतिहास, ये चार ऐसे विषय हैं, जो जीएस की तैयारी में भी उपयोगी हैं। मनोविज्ञान भी स्कोरिंग विषय है, लेकिन इससे जीएस में सवाल नहीं पूछे जाते। फॉरेन लैंग्वेज में स्नातक सिविल सर्विसेस की परीक्षा तो दे सकते हैं, लेकिन ये विषय मेंस परीक्षा के सिलेबस में नहीं हैं।
सवाल: किसी भी भाषा की पढ़ाई के बाद करियर के क्या विकल्प हैं? - प्रतीक, बरियातू
जवाब: विदेशी भाषाओं के लिए अच्छी संभावनाएं हैं। विदेशी भाषा में स्नातकों के लिए विदेशी काउंसुलेट, बहुराष्ट्रीय कंपनियों, ऑटोमोबाइल सेक्टर आदि में करियर के अच्छे अवसर हैं। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली आदि विश्वविद्यालयों से इनकी पढ़ाई की जा सकती है। केंद्रीय विश्वविद्यालय, झारखंड (सीयूजे) के डिपार्टमेंट ऑफ फार ईस्ट लैंग्वेजेज में चीनी, कोरियाई और तिब्बती भाषा में स्नातक पाठ्यक्रम उपलब्ध है। झारखंड की नौ क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई यहां के सभी विश्वविद्यालयों में उपलब्ध है।
सवाल: आर्ट्स विषय में कौन से प्रोफेशनल कोर्स हैं?- अनुरीता झा, बूटी मोड़
जवाब: आर्ट्स से 12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थी होटल मैनेजमेंट, बीबीए एलएलबी, फैशन डिजानिंग, फैशन टेक्नोलॉजी, इंटीरियर डिजाइनिंग एंड एनिमेशन में स्नातक स्तर की पढ़ाई कर सकते हैं। फैशन डिजाइनिंग रांची वीमेंस कॉलेज, निर्मला कॉलेज, मारवाड़ी कॉलेज में उपलब्ध है। फैशन टेक्नोलॉजी की पढ़ाई सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची में होती है। होटल मैनेजमेंट बीआईटी मेसरा और इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, ब्राम्बे से किया जा सकता है। इंटीरियर डिजाइनिंग एंड एनिमेशन सेंट जेवियर्स कॉलेज में उपलब्ध है।
सवाल: लॉ की पढ़ाई करना चाहता हूं, क्या विकल्प हैं?- आयुष रंजन, कटहल मोड़
जवाब: किसी भी संकाय से 12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थी लॉ में डिग्री कोर्स कर सकते हैं। रांची विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज में बीबीए एलएलबी का पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स है। इसके अलावा देश में जितने भी नेशनल लॉ स्कूल हैं, उनमें क्लैट के माध्यम से नामांकन के लिए चयन किया जा सकता है। अब लॉ का फील्ड सिर्फ कोर्ट तक ही सीमित नहीं हैं। बल्कि, कॉर्पोरेट सेक्टर में लीगल ऑफिसर की बहुत मांग है। स्वतंत्र प्रैक्टिस कर सकते हैं या लॉ फर्म भी शुरू कर सकते हैं।
सवाल: स्नातक में जीआईएस और रिमोट सेंसिंग विषय लेकर पढ़ाई की जा सकती है?- अतुल शर्मा, हरमू
जवाब: रिमोट सेंसिंग एंड जीआईएस (ज्योग्राफिक इंफॉर्मेशन सिस्टम), एक अच्छा विषय है। यह इसरो ने शुरू किया था। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेसिंग, देहरादून और एआईआरएस, हैदराबाद अच्छे संस्थानों में से हैं। रांची में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (डीएसपीएमयू) में स्नातक के बाद जीआईएस का एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा कोर्स उपलब्ध है। इसके अलावा एक्सआईएसएस में इसका छह माह का सर्टिफिकेट कोर्स उपलब्ध है। भूगोल, भूगर्भशास्त्र के अलावा अन्य विज्ञान विषयों के विद्यार्थियों के लिए यह एक अच्छा विकल्प है।
सवाल: शिक्षण के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए वोकेशनल कोर्स अच्छे हैं या नहीं?- ऋतुराज, कांटा टोली
जवाब: शिक्षण दो तरह के हैं- स्कूली और उच्च शिक्षा। स्कूल शिक्षक के लिए स्नातक के साथ बीएड भी होना चाहिए। वहीं, लेक्चररशिप के लिए स्नातक के विषय में न्यूनतम 55 प्रतिशत प्राप्तांक के साथ नेट, जेआरफ या पीएचडी होना चाहिए। शिक्षण क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आज भी आर्ट्स, साइंस या कॉमर्स के कोर विषय ही बेहतर विकल्प माने जाते हैं।
सवाल: कला के क्षेत्र में रुचि है, इसकी स्नातक स्तर पर पढ़ाई कहां से की जा सकती है?- पायल, मधुकम
जवाब: विश्वविद्यालयों में परफार्मिंग एंड फाइन आर्ट्स विभाग के तहत थिएटर, म्यूजिक, डांस, फोटोग्राफी की पढ़ाई होती है। रांची विश्वविद्यालय में परफॉर्मिंग एंड फाइन आर्ट्स की पढ़ाई स्नातकोत्तर स्तर पर होती है। लेकिन, संगीत में स्नातक स्तर का पाठ्यक्रम है। शांतिनिकेतन परफॉर्मिंग आट्र्स की पढ़ाई करने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक अच्छा विकल्प है। इसके अलावा फाइन आर्ट्स, विजुअल आर्ट, क्रिएटिव आर्ट के पाठ्यक्रम आईआईटी मुंबई, आईआईटी गुवाहाटी और जबलपुर में भी संचालित किए जा रहे हैं। आर्ट्स के विद्यार्थी फिल्म मेकिंग का पाठ्यक्रम भी चुन सकते हैं। यह एक रचनात्मक क्षेत्र है, जिसमें मौलिक विचारों के लिए अपार संभावनाएं हैं।
आर्ट्स के विद्यार्थियों के लिए ये भी विकल्प 12वीं के बाद आर्ट्स संकाय के विद्यार्थी योग को विषय के रूप में पढ़ सकते हैं। रांची विश्वविद्यालय के योग विभाग के अंतर्गत योगिक साइंस में तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम इसी सत्र से शुरू हो रहा है। जेएन कॉलेज धुर्वा में एनवायमेंट एंड वाटर मैनेजमेंट की स्नातक स्तर पर पढ़ाई होती है। इच्छुक विद्यार्थी इसमें ऑनर्स कर सकते हैं। आर्ट्स में- भूगोल, गृह विज्ञान, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान विषयों में न्यूनतम 45 प्रतिशत प्राप्तांक से 12वीं उत्तीर्ण छात्रा-छात्राएं इसमें नामांकन ले सकते हैं।
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