पीएम विश्वकर्मा ऋण के लिए 11 हजार में से आधे ही योग्य
झारखंड में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा ऋण के लिए 11 हजार से अधिक कारीगरों ने आवेदन किया, लेकिन केवल 5000 आवेदन ही योग्य पाए गए। अधिकतर आवेदन देवघर, दुमका और जामताड़ा से आए हैं। 38 हजार कारीगरों में से 22...
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रांची, संवाददाता। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा ऋण के लिए राज्य में अब तक आए 11 हजार से अधिक कारीगरों में से करीब पांच हजार के आवेदन ही योग्य पाए गए। छह हजार से अधिक के आवेदन खाता एनपीए होने, पेशा बदलने, फॉर्म में अलग उद्देश्य से ऋण मांगने पर बैंकों ने लौटा दिए हैं। इसमें देवघर, दुमका और जामताड़ा से सबसे अधिक आवेदन आए। खूंटी, सिमडेगा, गुमला और लोहरदगा ऐसे जिले हैं, जहां से एक भी आवेदन बैंकों को नहीं मिले हैं। रांची से एक आवेदन हुआ है।
देवघर-दुमका, जामताड़ा से सर्वाधिक आवेदन
लोन के लिए सर्वाधिक आवेदन देवघर, दुमका और जामताड़ा में पारंपरिक व्यवसाय से जुड़े कारीगरों ने किए हैं। यहां क्रमश: 4642, 1335 और 1126 आवेदन आए हैं। वहीं, पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेल खरसांवा और गिरीडीह से भी 500 से अधिक ने ऋण मांगा है।
38 हजार निबंधित आर्टिजन्स
एमएसएमई के मुताबिक पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत राज्य में अब तक 38 हजार कारीगर निबंधित हो चुके हैं। इनमें 22 हजार को प्रशिक्षण मिल चुका है और 16 हजार को ट्रेनिंग दी जानी है।
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