आठ वर्ष की बेटी का ख्याल न कर भाई को दे दी अपनी किडनी
13 वर्षो तक भाई के लिए की गई निछावर को दुनिया और लोगों से छिपाए रखा भाई-बहनों में कितना अनमोल प्यार होता...
भाई-बहन के बीच का प्यार अनमोल होता है। ऐसी ही मिसाल है डंगरा टोली निवासी शिक्षिका सुषमा टोप्पो। जिन्होंने न तो अपनी आठ वर्ष की बेटी की परवाह की और न और लोगों की। भाई की जान पर आन पड़ी थी। बिना सोचे समझे अपनी किडनी भाई को दान कर दी। साथ ही साथ भाई के लिए किया गया इस समर्पण को बहन ने दुनिया से 13 वर्षों तक छुपाए रखा। सुषमा संत अन्ना स्कूल में संस्कृत की शिक्षिका हैं। वर्ष 2004 से उसके भाई स्व विमल टोप्पो जो बैंक में ब्रांच मैनेजर थे। उनकी तबीयत खराब रहने लगी। बाद में पता चला कि उनकी किडनी खराब हो गई है। भाई के तीन छोटे बच्चों को देखते हुए 2007 में सुषमा ने अपने भाई को किडनी दान में दे दी। किडनी ट्रांसप्लांट का कार्य चंडीगढ़ स्थित पीजीआई अस्पताल में हुआ। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद उनके भाई लंबे समय तक जीवित रहे और परिवार के साथ रहे। परंतु पांच जुलाई 2019 को जाकर उनका देहांत हो गया।सिर्फ भाई-बहन ही जानते थे सुषमा के अंग दान का राजआज सुषमा की बेटी सलोनी भी बड़ी हो गई है। अपने भाई के लिए किए गए अंग दान को सिर्फ सुषमा के भाई-बहन ही जानते हैं। परिवार में उनके छह बहन और पांच भाई हैं। सभी में आपसी प्रेम आज तक कायम है।
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