पीएलएफआई को पुनर्जीवित करने की कोशिश, एनआईए ने दो पर दर्ज की चार्जशीट
झारखंड समेत चार राज्यों में विस्तार की थी योजना, आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की थी साजिश
रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने झारखंड और पड़ोसी राज्यों बिहार, छतीसगढ़ व ओडिशा में आतंकवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के पुनरुद्धार और मजबूती से संबंधित एक मामले में दो और आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। एनआईए की रांची स्थित विशेष अदालत के समक्ष गुरुवार को दायर की गई दूसरी पूरक चार्जशीट में झारखंड के खूंटी जिले के रहने वाले नीलांबर गोप उर्फ डेलगा उर्फ डिकल और शिव कुमार साहू के नाम आईपीसी की धारा 120बी आर/डब्ल्यू 384, धारा 13, 17, 18 और यूए (पी) अधिनियम की धारा 20 के तहत आरोप पत्र दायर किए गए हैं। एनआईए ने जांच में 11 अक्तूबर 2023 को एजेंसी द्वारा स्वत: संज्ञान से दर्ज किए गए मामले आरसी-04/2023/एनआईए/आरएनसी में पीएलएफआई के सदस्यों के रूप में पहचाने गए दोनों आरोपियों की संलिप्तता स्थापित की है। यह मामला झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में विभिन्न कोयला व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों, रेलवे ठेकेदारों, व्यापारियों आदि से जबरन वसूली के माध्यम से धन जुटाने में पीएलएफआई कैडरों की संलिप्तता से संबंधित है। पीएलएफआई सदस्यों ने इन राज्यों में संगठन को पुनर्जीवित करने और मजबूत करने के उद्देश्य से जनता, विशेषकर व्यापारियों और ठेकेदारों के बीच आतंक पैदा करने के लिए हत्या, आगजनी और हिंसक हमलों सहित विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रची थी। एनआईए की जांच के अनुसार, शिव कुमार साहू और नीलाम्बर गोप ने पीएलएफआई के धमकी भरे पर्चे को कई जगहों पर लगाए। इसके बाद ग्राहक सेवा केंद्रों और बैंकिंग चैनलों के माध्यम से उगाही गई धनराशि को प्रसारित किया। दोनों ने सरकारी विकास योजनाओं से जुड़े ठेकेदारों और व्यापारियों के मोबाइल नंबर पीएलएफआई के कई उग्रवादियों को दिए, इसके बाद उनसे उग्रवादियों ने पैसों की वसूली की। इस मामले में एनआईए की आगे की जांच जारी है।
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