बीआईटी मेसरा: एआई के भविष्य निर्माण में संभावनाओं पर जोर
रांची में बीआईटी मेसरा के कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विभाग द्वारा झारखंड सरकार के सहयोग से पांच दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसका विषय संवादात्मक एआई के लिए प्राकृतिक भाषा...
रांची, विशेष संवाददाता। बीआईटी मेसरा के कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विभाग की ओर से झारखंड सरकार के जेसीएसटीआई के सहयोग से पांच दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला की शुरुआत सोमवार को हुई। इसका विषय है- संवादात्मक एआई के लिए प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण। इसकी अध्यक्षता कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष डॉ सुप्रतीम बिस्वास ने की। इसमें एनएलपी और एआई प्रौद्योगिकियों में नवीनतम प्रगति पर चर्चाएं और व्यावहारिक सत्र आयोजित किए गए। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड (सीयूजे) के सीएसई विभाग के अध्यक्ष प्रो सुभाष चंद्र यादव ने एआई के भविष्य निर्माण में परिवर्तनकारी संभावनाओं पर जोर दिया। कार्यशाला में संवादात्मक एआई तकनीकों पर विशेषज्ञ व्याख्यान और व्यावहारिक सत्र के साथ शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए नेटवर्किंग के अवसर प्रदान किए गए। कार्यक्रम के समन्वयक डॉ एमडी शाह फहद, डॉ अमृतांजली और डॉ भास्कर कर्ण ने भी अपने विचार साझा किए। डॉ मोहम्मद शाह फहद ने कहा कि इस कार्यशाला से प्राप्त ज्ञान झारखंड की स्थानीय भाषाओं के लिए समाधान विकसित करने में मदद कर सकता है। तकनीक का उपयोग कर शिक्षा, कृषि और शासन में स्थानीय समुदायों को मुख्यधारा में अधिक प्रभावी ढंग से जोड़ा जा सकता है।
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