राष्ट्रीय पुस्तक मेले में हरिवंश की दस किताबों पर संवाद
रांची में आयोजित 10 दिवसीय राष्ट्रीय पुस्तक मेले के तीसरे दिन बड़ी संख्या में पुस्तक प्रेमी पहुंचे। उपसभापति हरिवंश ने अपने लेखों का संग्रह प्रस्तुत किया। मेले में विभिन्न प्रसिद्ध पुस्तकों और...
रांची, संवाददाता। जिला स्कूल मैदान में आयोजित 10 दिवसीय राष्ट्रीय पुस्तक मेले में रविवार को तीसरे दिन बड़ी संख्या में पुस्तक प्रेमी पहुंचे। छुट्टी का दिन होने के कारण लोगों ने अपना समय किताबों के बीच बिताया। पुस्तक प्रेमियों ने विभिन्न स्टॉल पर पुस्तकों को देखा और पसंद के अनुसार किताबें खरीदी। वहीं, शैक्षणिक कार्यक्रम के तहत राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश की 1977 से 2017 तक अखबारों में छपे लेखों के संग्रह, दस अध्यायों में प्रकाशित पुस्तकों पर संवाद हुआ। उपसभापति ने बताया कि 'समय के सवाल' शृंखला के तहत दस किताबें छपी हैं। चार दशक की राज-समाज और देश-दुनिया की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक सवालों पर अलग-अलग कालखंडों में लिखी सामग्री है। विभिन्न विधाओं में रिपोर्ट, अग्रलेख, विश्लेषणात्मक टिप्पणी, त्वरित टिप्पणी, साक्षात्कार, यात्रा वृतांत, समीक्षाओं का ब्यौरा है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पद्मश्री बलबीर दत्त, विशिष्ट अतिथि महादेव टोप्पो, रविदत्त बाजपेयी, अनुज कुमार सिन्हा, दयामनी बरला, हरीश चंद्र शर्मा, डॉ जेबी पाण्डेय, डॉ विनोद कुमार, अशोक कुमार प्रमाणिक मौजूद रहे।
पुस्तक मेले में खास
पुस्तक मेले में समय प्रकाशन और यश प्रकाशन के स्टॉल पर रेणु की श्रेष्ठ कहानियां, तीसरी कसम और अन्य कहानियां, स्वयं प्रकाश की इक्यावन कहानियां, सूर्यकान्त नागर की श्रेष्ठ कहानियां, कृष्णा अग्निहोत्री की श्रेष्ठ कहानियां, राजेन्द्र अवस्थी की पुरस्कृत कहानियां, ऋषि गजपाल की घंटियों का शोर, चन्द्रकान्ता की कथानगर, अनवर सुहैल की कुंजड़ कसाई, शुभदा मिश्र की यहीं कहीं होगी संजीवनी जैसी चर्चित कथा कृतियां में लोगों ने रूची दिखाई। कार्टून के शौकिन के लिए अटैक ऑन टाइटन, नारूटो, डैग्न बॉल जी, बच्चों के लिए अध्यात्मिक तस्वीर के साथ वाली कहानी कि किताब ने बच्चों को आकर्षित किया। कहानी संग्रहों पर केन्द्रित महत्वपूर्ण पुस्तकें प्रकाशन संस्थान, हिन्द युग्म, वर्मा बुक कम्पनी, आर्यन बुक सेलर्स, क्राउन बुक कम्पनी, झारखंड झरोखा के स्टॉल्स पर मौजूद हैं। प्रकाशन संस्थान के स्टॉल पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश की झारखंड: संपन्न धरती, उदास बसंत, डॉ रामदयाल मुण्डा की आदिवासी अस्तित्व और झारखंडी अस्मिता के सवाल, शैलेन्द्र महतो की झारखंड की समरगाथा, महादेव टोप्पो की झारखंड में विद्रोह का इतिहास: आदिवासी विश्व चेतना जैसी महत्वपूर्ण पुस्तकें हैं, जो राज्य के इतिहास और दशा-दिशा को समझने की दृष्टि देती हैं। समय प्रकाशन के स्टॉल पर सरिता कुमारी की झारखंड के इतिहास पर एक अध्ययन और चन्द्र भूषण की झारखंड पर्यटन पुस्तक चर्चा में है। यह पुस्तक रंगीन चित्रों से सुसज्जित है । झारखंड झरोखा के स्टॉल पर झारखंड राज्य पर केन्द्रित कई महत्वपूर्ण एवं उपयोगी पुस्तकें उपलब्ध हैं।
इन दस पुस्तकों का लोकार्पण
1. बिहार : सपना और सच
2. झारखंड : संपन्न धरती, उदास बसंत
3. झारखंड : चुनौतियाँ भी, अवसर भी
4. राष्ट्रीय चरित्र का आईना
5. पतन की होड़
6. भविष्य का भारत
7. सरोकार और संवाद
8. अतीत के पन्ने
9. ऊर्जा के उत्स
10. सफर के शेष
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