कोरोना संकट में कॉलेजों का नैक मूल्यांकन टला
राज्य में वर्तमान कोरोना संकट के कारण उच्च शिक्षण संस्थानों को प्रशासनिक कामकाज में खासा फेरबदल करना पर पड़ रहा है। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के...
रांची। प्रमुख संवाददाता
राज्य में वर्तमान कोरोना संकट के कारण उच्च शिक्षण संस्थानों को प्रशासनिक कामकाज में खासा फेरबदल करना पर पड़ रहा है। कोरोना के कारण रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत कॉलेजों का नैक मूल्यांकन भी टल गया है। यूजीसी ने उच्च शिक्षण संस्थानों को 2022 तक नैक मूल्यांकन अनिवार्य रूप से करा लेने को कहा था। इसके मद्देनजर मारवाड़ी कॉलेज, गोस्सनर कॉलेज, संजय गांधी मेमोरियल कॉलेज का हाल ही में नैक मूल्यांकन हुआ है। हालांकि, जिन कॉलेजों का नैक मूल्यांकन अप्रैल में होना था, उन्हें अब स्थिति सामान्य होने तक इंतजार करना होगा।
बिरसा कॉलेज खूंटी का पहली बार नैक मूल्यांकन होना है। इसके लिए नैक की टीम 19-20 अप्रैल को कॉलेज में भौतिक सत्यापन के लिए आनेवाली थी। पूरी तैयारी हो चुकी थी, पर अब इसे टाल दिया गया। अगली तिथि 24-25 मई की दी गई है। सेंट पॉल्स कॉलेज, रांची में भी नैक मूल्यांकन की तैयारी थी। कई बैठकें हो चुकी थीं। समितियों का गठन किया जा चुका था। लेकिन, कोरोना के कारण पूरा कार्यक्रम बदलना पड़ा। कॉलेज के प्राचार्य डॉ अनुज कुमार तिग्गा ने बताया कि अब नैक मूल्यांकन दिसंबर तक टल गया है।
आरयू व डीएसपीएमयू का भी होना है मूल्यांकन:
रांची विश्वविद्यालय और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का भी नैक मूल्यांकन होना है। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय को इस वर्ष यूजीसी से 12बी संबद्धता प्राप्त हुई है और जल्द नैक मूल्यांकन करा लेने को कहा गया है। डीएसपीएमयू प्रशासन की ओर से विभिन्न समितियों का गठन किया जा चुका है। लेकिन, कोरोना के अचानक बढ़ते मामलों को देखते हुए फिलहाल सारी गतिविधियां रोक दी गई हैं। रांची विश्वविद्यालय ने भी नैक मूल्यांकन की तैयारियां शुरू कर दी थीं, जो फिलहाल टल गई है।
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