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पारा शिक्षकों ने 2000 की बढ़ोतरी को ठुकराया, फिर से होगी वार्ता

झारखंड के पारा शिक्षकों ने 2000 रुपये मानदेय बढ़ोतरी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है और वेतनमान के समतुल्य मानदेय की मांग की है। शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में वार्ता के दौरान कोई अंतिम सहमति नहीं बनी।...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीThu, 15 Aug 2024 01:53 AM
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रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। झारखंड के पारा शिक्षकों (सहायक अध्यापकों) ने 2000 रुपये मानदेय बढ़ोतरी के शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। पारा शिक्षक वेतनमान के समतुल्य मानेदय (करीब छह हजार रुपये) बढ़ाने की मांग पर अड़े हैं। शिक्षा मंत्री वैद्यनाथ राम की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों और पारा शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई। वार्ता में मानदेय बढ़ोतरी पर अंतिम सहमति नहीं बन सकी। अब रक्षाबंधन के बाद फिर से वार्ता होगी और मानदेय बढ़ोतरी पर मंथन होगा। शिक्षा मंत्री वैद्यनाथ राम ने वार्ता के दौरान सरकार की ओर से तत्काल 2000 मानदेय वृद्धि किये जाने की बात कही। पारा शिक्षकों ने इससे इनकार कर दिया और पांच से छह हजार बढ़ोतरी किये जाने पर अड़े रहे। वहीं, सहायक अध्यापकों का सेवाकाल 62 वर्ष करने पर मुख्यमंत्री की सहमति के बाद विचार किया जायेगा।

वार्ता में विभिन्न मांगों पर क्या हुई बात

- आकलन परीक्षा से प्रभावित 5000 सहायक अध्यापक के त्रुटिपूर्ण उत्तर के अंक का निष्पादन करने के लिए शिक्षा मंत्री ने जैक अध्यक्ष से बात करने की बात कही।

- अनुकंपा में संशोधन करते हुए अनुबंध स्तरीय पदों पर पारा शिक्षकों के परिजनों को लाभ देने पर सहमति जतायी गई।

- शहरी क्षेत्र के पारा शिक्षकों के मानदेय में चार प्रतिशत वार्षिक वृद्धि का प्रस्ताव अगली कैबिनेट से पारित किये जाने का आश्वासन दिया।

- सहायक अध्यापक की प्रतिवर्ष सेवा संपुष्टि की बाध्यता से मुक्ति मिलेगी। साथ ही, जेटेट परीक्षा में सभी विषयों में उत्तीर्ण होने की बाध्यता समाप्त की जायेगी।

- कल्याण कोष में सेवानिवृत्त राशि, दुर्घटना बीमा, मेडिकल की सुविधा बहाल करने का विचार होगा।

-सहायक अध्यापक सेवा शर्त नियमावली 2021 में संशोधन कर सीटेट को जेटेट के समतुल्य लाभ दिया जायेगा।

वेतनमान के समतुल्य मानदेय पर विचार करें

झारखंड सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के राज्य प्रतिनिधि सिद्दीक शेख ने कहा कि सरकार ने वेतनमान के वादे को भुला दिया। समझौते के अनुरूप ईपीएफ का लाभ देना था, उससे भी मुकर गई। सरकार के समक्ष वेतनमान देने में किसी प्रकार की अड़चन है तो कम से कम वेतनमान के समतुल्य मानदेय पर विचार करना चाहिए। बैठक में विधायक सुदिव्य कुमार सोनु, विधायक नमन नक्सल कोंगाड़ी, शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह, जेईपीसी के एसपीडी आदित्य रंजन, प्रशासी पदाधिकारी सच्चिदानंद तिग्गा, ममता लाकड़ा और झारखंड सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के बिनोद बिहारी महतो, संजय कुमार दुबे, ऋषिकेश पाठक, सिद्दीक शेख, बिनोद तिवारी, प्रद्युमन कुमार सिंह, विकास कुमार चौधरी, सुमन सिंह, निरंजन कुमार डे, बेलाल अहमद, भागवत तिवारी, शकील अहमद, सुशील कुमार, वीरेंद्र कुमार राय मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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