‘आगत का स्वागत विगत की विदाई पर ऑनलाइन गोष्ठी
झारखंड साहित्य संस्कृति मंच ने ‘आगत का स्वागत विगत की विदाई’ शीर्षक से ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। इस गोष्ठी में कई कवियों ने अपनी प्रस्तुतियों से समां बांधा। कार्यक्रम की अध्यक्षता निरंजन...
रांची, वरीय संवाददाता। झारखंड साहित्य संस्कृति मंच ने ऑनलाइन काव्य गोष्ठी ‘आगत का स्वागत विगत की विदाई का सोमवार को आयोजन किया। अध्यक्षता मंच के उपाध्यक्ष निरंजन प्रसाद श्रीवास्तव ने की। कवियों और कवयित्रियों ने प्रस्तुति से खूब रंग जमाया। गोष्ठी की शुरुआत पूनम वर्मा के वाणी-वंदना से हुई। गीता सिन्हा गीतांजलि ने मन के आकाश में घुमड़ी बदरियां गीत का पाठ किया। विजय रंजन ने कोई विकल्प नहीं था सिवाय इसके मैं अपनी यात्रा स्थगित कर देता, सुरिंदर कौर ‘नीलम ने नए वर्ष में चलो सब रिश्तों को थोड़ी ऊष्मा दे आएं, घटा गिरी ने गुजरती ने यादों को समेटे भावी सपनों को संजोकर नया वर्ष आ गया और अनिता रश्मि ने मैं हूं घर पुराना की प्रस्तुति दी। इसके अलावा हिमकर श्याम, सुनीता श्रीवास्तव, कल्याणी झा, सुमिता सिन्हा, निशिकांत पाठक, डॉ मंजू सिन्हा, मधुमिता साहा समेत कई कई कवियों-कवयित्रियों ने प्रस्तुति दी।
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