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ऑप्टिकल फाइबर और मोबाइल टावर लगाने का आवेदन शुल्क होगा तय

केंद्र की ओर से अधिसूचित टेलीकम्युनिकेशन राइट ऑफ वे रुल्स 2024 को अपनाएगी झारखंड सरकार, 5जी नेटवर्क के विस्तार को गति देने के लिए राज्य सरकार ने लिया

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीFri, 24 Jan 2025 07:42 PM
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ऑप्टिकल फाइबर और मोबाइल टावर लगाने का आवेदन शुल्क होगा तय

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। झारखंड में सभी भूमिगत दूरसंचार नेटवर्क (ऑप्टिकल फाइबर) और टेलीकॉम टावर लगाने में सभी दूरसंचार कंपनियों द्वारा दिए आवेदन की जांच के लिए एक निश्चित राशि तय की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार केंद्र द्वारा अधिसूचित टेलीकम्यूनिकेशन राइट ऑफ वे रुल्स 2024 को अपनाने जा रही है। नए रुल्स में ऑप्टिकल फाइबर के लिए प्रति किलोमीटर 1000 रुपए और मोबाइल टावर की स्थापना के लिए प्रति टावर 10,000 रुपए का आवेदन शुल्क लिया जाएगा। सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस विभाग ने इस दिशा में प्रस्ताव तैयार किया है। जल्द ही इस प्रस्ताव पर कैबिनेट से स्वीकृत ली जाएगी। केंद्र के दिए दिशा-निर्देश के बाद ऑप्टिकल फाइबर और टेलीकॉम टावरों की स्थापना को सुगम बनाने और 5जी नेटवर्क के विस्तार को गति देने के लिए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है। केंद्र द्वारा लाए इस नियम का उद्देश्य यह है कि अलग-अलग राज्यों में ऑफ्टिकल फाइबर और मोबाइल टावर लगाने के आवेदन का शुल्क अलग-अलग होता है। इससे दूरसंचार कंपनियों को काफी परेशानी होती थी। नए नियम में इस समस्या पर रोक लगेगी।

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नए नियम में आवेदनों की जांच के लिए निम्न शुल्क किए जाएंगे तय

1 : भूमिगत दूरसंचार (ऑफ्टिकल फाइबर) नेटवर्क की स्थापना के आवेदन की जांच के लिए प्रति किमी 1000 रुपए

2 : भूमि के ऊपर दूरसंचार नेटवर्क की स्थापना के आवेदन की जांच के लिए शुल्क

- मोबाइल टावर की स्थापना के लिए प्रति टावर 10,000 रुपए

- भूमि के ऊपर दूरसंचार लाइन की स्थापना के लिए प्रति किमी 1000 रुपए

- खंभे लगाने, स्मॉल सेल और दूरसंचार लाइनों की स्थापना के लिए शून्य

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दूरसंचार विभाग के सचिव ने लिखा था पत्र

नए नियम को अपनाने के लिए केंद्रीय संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग के सचिव नीरज मित्तल ने पिछले साल नवंबर माह में सभी राज्यों के सचिव को पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने सभी राज्यों को 30 नवंबर तक इसे लागू करने करने और एक जनवरी 2025 से नए नियमों के लागू होने की घोषणा की थी। पत्र में इस बात का जिक्र था कि कोई भी राज्य सरकार इसे लागू करे या नहीं करे, लेकिन यह मान लिया जाएगा कि 1 जनवरी से यह नियम स्वत: लागू हो गया है। राज्य विधानसभा चुनाव के कारण झारखंड में इस दिशा में काम नहीं हो सका था। अब राज्य सरकार ने इस दिशा में पहल शुरू की है।

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क्या है टेलीकम्युनिकेशन (राइट ऑफ वे) रूल्स 2024

केंद्र द्वारा 17 सितंबर 2024 को पारित टेलीकम्युनिकेशन (राइट ऑफ वे) रूल्स 2024 सार्वजनिक और निजी संपत्ति पर टॉवर या टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने का मानक तय करता है। इसकी मदद से ही केंद्र सरकार टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर फोकस कर पाएगी। नए नियमों में 5जी पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। दरअसल टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर को राज्यों में तेजी से इंस्टॉल किया जा रहा है। फास्ट नेटवर्क के लिए ये नियम काफी सकारात्मक है। इससे 5जी के लिए नए टावर इंस्टॉल करने पर फोकस किया जाएगा।

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