लैंड सर्वे के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति पर हाईकोर्ट ने जवाब मांगा
झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में चल रहे लैंड सर्वे की स्थिति पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने भू राजस्व सचिव को शपथपत्र देने का निर्देश दिया है जिसमें कर्मचारियों की नियुक्ति और तकनीक के उन्नयन...

रांची, विशेष संवाददाता। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में हो रहे लैंड सर्वे के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति और सर्वे के लिए नई तकनीक के इस्तेमाल करने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने बुधवार को भू राजस्व सचिव को शपथपत्र दाखिल कर यह बताने को कहा है कि अमीन एवं अन्य कर्मियों की नियुक्ति कब तक की जाएगी। सर्वे की पुरानी तकनीक को कब तक एडवांस किया जाएगा। 17 जून तक शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश अदालत ने दिया है। सर्वे का काम कब पूरा होगा, सचिव को यह भी बताने का निर्देश अदालत ने दिया है।
सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि जमीन का सर्वे पूरा करने के लिए कर्मचारियों की जररूत होगी। इसकी नियुक्ति अभी नहीं हो सकी है। सर्वे के लिए फिलहाल जो तकनीक है, वह पुरानी है, जिसे एडवांस किया जाएगा। इस संबंध में गोकुल चंद ने जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि झारखंड में 1975 से भूमि सर्वेक्षण कार्य प्रारंभ हुआ था, जो आज 50 साल हो जाने के बाद भी पूरा नहीं किया जा सका है। लैंड सर्वे पूरा करने के लिए कर्मियों की नियुक्ति एवं टेक्नोलॉजी को एडवांस करने की प्रक्रिया जल्द पूरी की जानी चाहिए। पूर्व की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट को बताया था कि झारखंड में लैंड सर्वे का काम चल रहा है। कुछ जिलों में लैंड सर्वे का काम पूरा हो गया है। अमीन के कई पद रिक्त हैं। लैंड सर्वे के लिए तकनीकी कर्मचारियों की कमी के कारण सर्वेक्षण कार्य पूरा नहीं किया जा सका है।
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