विभाग ने सरकार को अंधेरे में रखा: अरविंद
रांची विश्वविद्यालय में 124 अतिथि शिक्षकों की नौकरी समाप्त हो गई है। झारखंड अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद ने कहा कि पिछले 7 वर्षों से काम कर रहे शिक्षकों के समायोजन की मांग की गई थी, लेकिन...
रांची, वरीय संवाददाता। झारखंड अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद ने कहा कि रांची विश्वविद्यालय में पिछले 7 वर्षों से कार्य कर रहे अतिथि शिक्षक पिछले कई वर्षों से आवश्यकता आधारित शिक्षक के रूप में समायोजन करने की मांग कर रहे थे। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, झारखंड सरकार ने 14 अक्तूबर को अपने अंतिम कैबिनेट में इस प्रस्ताव को लाया। अतिथि शिक्षकों को आवश्यकता आधारित शिक्षक के रूप में सेवा लेने से संबंधित प्रस्ताव को पारित भी कर दिया, लेकिन यह प्रस्ताव ऐसा बनाया गया जिसमें न तो इनका समायोजन किया गया और न इनकी नौकरी रही। विभाग ने सरकार को अंधेरे में रखा। कहा, इस प्रस्ताव में आवश्यकता आधारित शिक्षक की नई बहाली में दोबारा फॉर्म भरने तथा साक्षात्कार में शामिल होने का निर्देशन दिया गया। वहीं, दूसरी ओर इसी प्रस्ताव में जिस संकल्प 1755 के द्वारा इन अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी उस संकल्प को भी निरस्त कर दिया गया, जिसके कारण अब यह स्थिति उत्पन्न हो गई है कि न नौकरी रही और न इनका समायोजन हो पाया। इस तरह से रांची विश्वविद्यालय में कार्यरत 124 अतिथि शिक्षक की नौकरी अब समाप्त मानी जा रही है। वहीं, संघ के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद ने कहा कि यह कैसा प्रस्ताव था जिसमें नौकरी देने के नाम से पहले की नौकरी छीन ली गई।
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