जलापूर्ति योजना पूरी करने वाली एजेंसी को ही पांच सालों तक करना होगा संचालन
जेजेएम : 62.54 लाख घरों में से अब तक 55% तक पहुंची है योजना, संचालन और रखरखाव पर भी फोकस, शत प्रतिशत घरों को पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। केंद्र प्रायोजित जल जीवन मिशन-हर घर जल योजना (जेजेएम) के तहत चल रही ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं के पूरा होने के बाद राज्य सरकार का फोकस उसका नियमित संचालन एवं रखरखाव पर है। इसे देखते हुए जलापूर्ति योजनाओं के निर्माण के लिए तैयार योजनाओं के प्रोजेक्ट कॉस्ट (लागत राशि) में पांच वर्ष तक संचालन एवं संपोषण का कार्य संबंधित एजेंसी द्वारा किए जाने का प्रावधान किया गया है। इस प्रस्ताव पर राज्य स्तरीय योजना अनुशंसा समिति (एसएलएसएससी) से अनुमोदन मिलने के बाद झारखंड ग्रामीण पेयजलापूर्ति (संचालन एवं संपोषण) नीति-2025 पर मंत्रिपरिषद से भी स्वीकृति मिल गयी है। सरकार का कहना है कि योजनाओं द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में लक्ष्य के अनुरूप शत-प्रतिशत घरों को सुरक्षित एवं किफायती संचालन व्यय के साथ पेयजल उपलब्ध कराया जा सकेगा।
जलापूर्ति योजनाएं कई बातों से रही है प्रभावित बता दें कि जल जीवन मिशन के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए वृहत एवं लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं को शुरू किया गया है। ग्रामीण जलापूर्ति योजना मुख्य रूप से वित्तीय कठिनाई, स्थानीय स्तर पर सुदृढ़ संस्थागत मानव बल, विभिन्न संस्थाओं के बीच समन्वय, समुदाय के बीच जानकारियों का अभाव इत्यादि से प्रभावित है। निरंतर बढ़ते पेयजल की मांग एवं दूसरी ओर हमारी सीमित जल संसाधन, बदलते पर्यावरणीय स्थिति के कारण जल संरक्षण को स्थापित करना समय की मांग है। इसे देखते हुए संचालन एवं संपोषण के सभी उपायों को नीति एवं रेगुलेटरी मैकेनिज्म के अधीन लाने की यह पहल की गई है। ......................... संचालन एवं संपोषण नीति का मुख्य उद्देश्य - ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं में वित्तीय स्थायित्व, संस्थागत ढांचा एवं तकनीकी ज्ञान का उपयोग। - राज्य में जलापूर्ति योजनाओं के संचालन एवं अनुरक्षण व्यवस्था को ग्राम पंचायत एवं सामुदायिक स्तर पर स्वावलंबी बनाना। - स्थानीय स्तर पर सभी हितधारकों के क्षमतावर्द्धन एवं जल आपूर्ति व्यवस्था के संदर्भ में उनके वित्तीय दायित्त्व, संस्थागत संरचना एवं तकनीकी समझ का विकास। - प्रत्येक ग्रामीण परिवार को कार्यशील नल से पर्याप्त मात्रा में (कम से कम 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन) मानक गुणवत्ता (बीएसआई-10500) के अनुरूप पेयजलापूर्ति सुनिश्चित करना। - ग्रामीण क्षेत्रों में सभी सार्वजनिक संस्थानों यथा आंगनबाड़ी केंद्र, विद्यालय, स्वास्थ्य केंद्र, पंचायत भवन, सामुदायिक भवन आदि में मानक गुणवत्ता एवं मात्रा के अनुरूप नियमित पेयजलापूर्ति सुनिश्चित करना। - जलापूर्ति प्रणाली अर्थात जल स्रोतों के स्थायित्व, जलापूर्ति के बुनियादी ढांचे के नियमित रख-रखाव के लिए आवश्यक निधि की समुचित व्यवस्था का प्रावधान। - मानव संसाधन (ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति, जलसहिया, ग्राम स्तर पर कुशल तकनीशियन) को सशक्त और प्रशिक्षित करते हुए जागरूक करना, ताकि गांव स्तर पर ही क्रियान्वयन एवं रख-रखाव को और सुदृढ़ बनाया जा सके। - जल के विभिन्न मापदंड एवं सुरक्षित पेयजल की उपयोगिता और रखरखाव के लिए लोगों को जागरूक करना एवं लाभुकों की भागीदारी सुनिश्चित करना। ................................ हर घर नल जल कनेक्शन योजना पर एक नजर योजना का लक्ष्य - 62,54,111 घर 15 अगस्त 2019 - 3,45,165 (5.52 % तक योजना पहुंची) 10 मई 2025 - 34,39,039 (54.99 % तक योजना पहुंची) पिछले चार माह में महज 17,276 घर तक पहुंची योजना जनवरी - 34,19,824 फरवरी - 34,22,473 मार्च - 34,31,115 अप्रैल - 34,37,100
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।